इंडिया इंडस्ट्रियल फैयर के लिए हुआ भूमि पूजन उद्योगों को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान: हुरकट

Sep 5, 2023 - 19:34
Sep 5, 2023 - 19:34
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इंडिया इंडस्ट्रियल फैयर के लिए हुआ भूमि पूजन    उद्योगों को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान: हुरकट

भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
भीलवाड़ा 5 सितंबर / लघु उद्योग भारती के 15, 16 और 17 सितंबर को लगाए जाने वाले इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर का भूमि पूजन कार्यक्रम हरी सेवा धाम के महामंडलेश्वर हंसराम के कर कमलो से  संपन्न हुआ, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष महेश हुरकट ने कहा कि इंडिया इंडस्ट्रियल फैयर से उद्योग जगत को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, फेयर के कनवीनर गिरीश अग्रवाल ने बताया कि भूमि पूजन में जिला उद्योग केंद्र के राहुल देव सिंह भीलवाड़ा के प्रसिद्ध उद्योगपति आर सी एम समूह के चेयरमैन तिलोक चंद छाबडा, मनोमय टैक्स इंडिया के योगेश जी लड्डा, सत्कार समूह के गोविंद सोढानी, संबोधी सिंथेटिक के रामपाल असावा उपस्थित थे । 

 फेयर में महामंडलेश्वर  हंसराम ने कहा कि  भीलवाड़ा में इस स्तर का फेयर होना गर्व का विषय है भीलवाड़ावासी वैसे भी किसी भी काम के पीछे लगते हैं तो उसे परिणाम तक लेकर जाते हैं भीलवाड़ा के उद्यमियों की विशेषता जग जाहिर है। इस तरह के फेयर से उद्योग और व्यापार का विकास होता है,

फेयर के कन्वीनर गिरीश अग्रवाल  ने बताया 500 जिले में 780 औद्योगिक क्षेत्रों के में 45000 से अधिक उद्योग सदस्यों के साथ लघु उद्योग भारती एमएसएमई का प्रतिनिधित्व कर रही है। औद्योगिक क्षेत्र में यह विश्व भर में सबसे बड़ा संगठन है, लघु उद्योग भारती कुटीर एवं लघु उद्योगों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिले एवं बड़ा बाजार मिले इस हेतु प्रयासरत है।
देश की अर्थव्यवस्था 5 ट
मिलियन से आगे ले जाने में  भीलवाड़ा अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगा, फेयर में न्यूनतम लागत में बेहतर यार्न एवम कपड़ा के  उप्तपादको के स्टाल होगें , फेयर में यार्न मशीनरी का लाइव डेमो लाइक्रा अटेचमेंट के साथ,वीविंग की लाइव मशीन, प्रिंटिंग की लाइव मशीन मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा, देश की अर्थ व्यवस्था में उद्योग क्षेत्र आज रीड की तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है,उद्योगों का ऐसा वातावरण बना है की विदेशी कंपनियां भी अपने उद्योग भारत में लगाने के लिए आतुर रहती हैं, यह गर्व का विषय है कि भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्योग ने देश में विशेष पहचान कायम की है और शूटिंग - शार्टिंग के क्षेत्र में पूरे देश की निगाह भीलवाड़ा पर टिकी है,आजादी के बाद जिस तेजी से आधुनिक तकनीकी अपनाते हुए भीलवाड़ा टेक्सटाइल उद्योग के रूप में उभर कर आया है । भीलवाड़ा उद्योग की पृष्ठभूमि पर नज़र डालते हैं तो वर्ष 1935 में पहली मेवाड़ टेक्सटाइल मिल की स्थापना से आज भीलवाड़ा डेनिम उत्पादन और निर्यात में देश में दूसरे स्थान पर आ गया है और "टेक्सटाइल सिटी" के नाम से प्रसिद्ध हो कर " भारत का मैनचेस्टर" कहा जाने लगा। पत्रकारों के प्रश्नों का जवाब देते हुए महेश हुरकट ने बताया कि श्री नरेंद्र मोदी के विजन भारत के त्वरित आर्थिक विकास में इंडिया में स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, स्वावलंबी भारत, डिजिटल इंडिया जैसे मिशन को आगे बढ़ाने के लिए लघु उद्योग भारती निरंतर प्रयासरत है। केवल भारत में वरन वैश्विक स्तर पर यहां के वस्त्र उद्योग ने अपनी पहचान बनाई है। उम्मीद कर सकते हैं आने वाले 2035 में  जब इस उद्योग के 100 साल का सफर पूरा होगा तब भीलवाड़ा का वस्त्र उद्योग उभरते हुए नए परिदृश्य के साथ अपने चरम पर होगा।
इंफो समिति के सुरेश कोगटा, शंभू प्रसाद काबरा ने आने वाले सभी एक्जीबिटर्स के लिए व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी, एमएसएमई उद्योगों में दी जा रही जानकारी अजय मूंदड़ा ने दी साथ ही बिजली विभाग से उद्योगों को क्या अपेक्षा है के बारे में विस्तृत चर्चा की एमएसएमई में उद्योगों को वैसे भी बिजली की दरों में ₹1 अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है यह गैप कम होना चाहिए। 
मेले का मुख्य उद्देश्य भीलवाड़ा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले साथ ही नए युवाओं में उद्यमशीलता का संचार हो इस हेतु सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है जिसमें टेक्सटाइल कॉलेज के विद्यार्थियों को एवं निकट के सभी कॉलेज के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया है। सभी में स्वरोजगार की भावना को प्रेरित करना तथा रोजगार लेने वाला नहीं देने वाला बना है यह चीज देश के अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी। फेयर के चेयरमैन महेश हुरकट ने अपील की है इस मेले में जरूर पधार कर आधुनिक तकनीक से रूबरू होकर अपने अनुभव में वृद्धि करें।
भूमि पूजन कार्यक्रम में कमलेश मुनोत, पुरुषोत्तम अग्रवाल, जगदीश अग्रवाल, सुनील मेहता,  राम प्रकाश काबरा, दिनेश लड्ढा, अनूप लड्ढा, राजीव शर्मा, रामरतन जागेटिया, अमित जैन, के.के. जिंदल, सुमित जागेटिया, एलेन तिवारी, अभिषेक सोमानी, सुनील जैन, हरि अग्रवाल, अनूप बागड़ोदिया,  महिला इकाई से विमला मुनोत, चंदा मूंदड़ा,  पल्लवी लड्ढा, नीता बंसल, शशि काबरा, स्नेह लता मेलाना, विनीता बागरोदिया, सुशीला लोढ़ा, गुड्डी काबरा, आशा सोमानी, मानकंवर काबरा, गीता  काबरा, इंदिरा असावा, शिखा अग्रवाल, मधु अग्रवाल आदि औद्योगिक घरानों से जुड़ी कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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