गृह राज्य मंत्री बेढम और जिला कलेक्टर ने किया जटेरी धाम के दर्शन
जटेरी धाम में सड़क मार्ग निर्माण एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने के दिए निर्देश
डीग, (शैलेंद्र गर्ग) गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम एवं जिला कलेक्टर श्रुति भारद्वाज ने गुरुवार को घने पहाड़ों और जंगलों के बीच स्थित जटेरी धाम के दर्शन किए। बेढम एवं भारद्वाज ने जटेरी धाम के प्राचीन मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की वही धाम के महंत विपिन बिहारी दास जी महाराज ने मंत्री और जिला कलेक्टर को विधिवत तरीके से पूजा अर्चना कराई। दर्शन के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन महेश शर्मा मौजूद थे। बेढम ने जटेरी धाम को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए है साथ ही मथुरा, वृंदावन, दिल्ली, लखनऊ, पूंछरी सहित निकटतम क्षेत्रों से भी श्रद्धालु यहां आने के लिए आकर्षित हो इसके लिए सड़क मार्ग का निर्माण, प्रकृतिक संरक्षण आदि पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि जटेरी धाम प्रमुख धामों में से एक है एवं इसके विकास होने से स्थानीय लोगों को भी जीवन यापन करने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे। इस दौरान निकटतम इलाकों में व्यापार, आमजन के लिए रोजगार और अन्य प्रकार के अवसर प्राप्त होंगे जिससे आमजन के जीवन जीने की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
उन्होंने बताया कि राधा हंँसन बिहारी जी महाराज के प्रांगण में आज से श्रीमद भगवत कथा ज्ञान यज्ञ का प्रारंभ होने जा रहा है। कथा का आमजन जरूरी रूप से श्रवण करे एवं श्रीमद भगवत कथा के ज्ञान को अपने जीवन में अंगीकरण करने का कार्य करे एवं महानतम विचारों का संकल्प ले। उन्होंने बताया कि सभी संस्कृतियों में से भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व के लोगो ने सबसे प्राचीनतम एवं सर्वश्रेष्ठ माना है। साथ ही भारतीय संस्कृति में वेद, पुराणों, उपनिषदों, धार्मिक ग्रंथों के आधार पर व्यवस्थाएं बनाई गई है एवं उनके अनुरूप ही हम अपने क्रिया कलाप सुनिश्चित कर संचालित करने का कार्य करते हैं।
उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति के बताए गए रास्तों पर चलते हुए आज भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। इसके साथ ही आज केंद्र एवं राज्य सरकार के कार्य कमलों के कारण अनुकूल वातावरण स्थापित हो पाया है जिससे सांस्कृतिक संरक्षण का सपना साकार होने जा रहा है एवं अंतिम पंक्ति में बैठे हुए लोगों का सशक्तिकरण एवं उन्हे मुख्य धारा से जोड़ने के परिकल्पना साकार हो रही है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने भारतीय संस्कृति को कोरोना भी कहा लेकिन हम श्रवण कुमार के देश से आते है जो अपने अंधे मां बाप को अकेले चार धाम की यात्रा करवाने के लिया कंधे पर लेकर गए। इसी प्रकार युवा भी अपने बूढ़े मां बाप की सेवा करे और उन्हें वृद्ध आश्रम में ना भेजे। उन्होंने रामायण में भगवान राम और भरत जी के प्रसंग को याद करते हुए कहा भी हमे भी उनके जीवन से सीखना चाहिए और भरत जी के भांती भाई के प्रति समर्पण का भाव रखे तथा जमीन, संपत्ति आदि को लेकर होने वाली लड़ाइयों से दूर रहे।