हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) आगामी आम चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई ने इस संबंध में राष्ट्रीय प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को एक प्रस्ताव भेजा है। केंद्रीय नेतृत्व के फैसले के बाद पार्टी विभिन्न सीटों पर उम्मीदवारों के नाम जारी करेगी।
एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल 24 लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुस्लिम-दलित-ओबीसी फॉर्मूले पर लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। एआईएमआईएम द्वारा उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, जो मुस्लिम वोटों को एकजुट करने और मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में इंडिया ब्लॉक की स्थिति को मजबूत करने पर काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 19% है और उनके मतदान व्यवहार से 20-50% मुस्लिम आबादी वाली लगभग 24 लोकसभा सीटों पर नतीजे तय होने की संभावना है।
AIMIM नेता सैयद आसिम वकार ने कहा कि हमारी पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। हम मुरादाबाद, फिरोजाबाद, संभल, बदायूँ, अमरोहा, मेरठ और आज़मगढ़ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहे हैं। AIMIM 2022 यूपी में अपना खाता खोलने में विफल रही। विधानसभा चुनाव में उसे केवल 0.49% वोट मिले। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम-ओबीसी और दलित मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए बाबू सिंह कुशवाह के नेतृत्व वाली जन अधिकारी पार्टी और वामन मेश्राम के नेतृत्व वाले भारत मुक्ति मोर्चा के साथ भागीदारी परिवर्तन मोर्चा शुरू किया था। पार्टी ने 76 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे महज 0.24% वोट मिले थे