एक समान है नदी एवं संत का स्वभावः मुनि
तखतगढ़ (बरकत खान) जैन मुनि अंनत पुण्य महाराज ने कहा कि नदी एवं संत का स्वभाव एक समान है। जैसे नदी का पानी निर्मल होता है। वैसा ही संत का भी निर्मल होता है। वे कचरा मुथा गली में ईन्द्र कुमार के निवास पर प्रवचन कर रहे थे। उन्होने कहा कि जीवन में चार प्रकार के लोग होते है। उन सबके स्वभावों से व्यक्ति स्वयं को निर्णय करता है।इधर, महाराज बीते तीन दिनों से नगर के मामाजी गली के बाबा रामदेव मंदिर में समाज सुधार को लेकर सत्संग कार्यक्रम में प्रवचन कर रहे है।प्रवचनों में नगरवासियों की सुखदउपस्थिति दिख रही है। उन्होने,मां,सास-बहू के जीवन को लेकर काफी ज्ञानवर्धक जानकारी से रूबरू कराया।