13 साल की बच्ची से बेरहमी: पढ़ाने के बहाने लाए भाई- भाभी ने गर्म चाकू से दागा, डंडों से पीट-पीटकर करवाते थे घर के काम
उदयपुर (राजस्थान/मुकेश मेनारिया) एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है वही दूसरी ओर उदयपुर में तेरह साल की एक मासूम बालिका के साथ बेरहमी का मामला सामने आया है। पढ़ाई के नाम पर बिहार से अपने साथ लाई बालिका को दंपती ने गर्म चाकू और चिमटे से हाथ-पैर और मुंह पर दागा। घर का काम कराने के लिए उसे पीटा जाता था। कई महीनों ने अपने मौसेरे भाई और भाभी से प्रताड़ना झेल रही इस बालिका के बारे में गुरुवार को पड़ोसी के जरिए बाल कल्याण समिति को पता चला तो उसे मुक्त कराया गया। फिलहाल उसे शेल्टर होम में रखा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार मामला उदयपुर शहर के रोशननगर क्षेत्र का है। सवीना थाना पुलिस और बाल कल्याण समिति की टीम गुरुवार सुबह उसके घर पहुंची और बालिका को मुक्त कराया। बताया गया कि दो साल पहले इस बालिका को उसका मौसेरा भाई और भाभी पढ़ाने के बहाने उदयपुर लाए थे। यहां पढ़ाई कराने के बजाय उससे दिन भर घर के काम कराए जाते थे। जब कभी उससे ठीक तरीके से काम नहीं होता तो उसे हाथ और डंडों से पीटा जाता। यहां तक उसे गर्म चाकू और चिमटा से दागा गया।
- बच्ची के भाई को पता था लेकिन वह अनजान बना रहा
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कुमार बताते हैं कि बच्ची के भाई को उसकी बहन को प्रताड़ित किए जाने की पूरी जानकारी थी लेकिन वह इसके बावजूद अनजान बना रहा। बालिका से पता चला कि उसके माता-पिता मजदूरी करते हैं और वह छह भाई-बहन हैं। घर का खर्चा चलाने में परेशानी आने पर उसे मौसेरे भाई-भाभी के साथ भेज दिया था। बालिका से उसे प्रताड़ित किए जाने के बारे में पूछताछ की तो वह डरी-सहमी रही। बालिका ने बताया कि उसे कभी अपने परिजनों से बात नहीं करने दिया जाता और ना ही किसी पड़ोसियों से। बताया गया कि आरोपी युवक बिहार का है, जबकि उसकी पत्नी असम की रहने वाली है। काउंसलिंग के जरिए यह सामने आया कि बालिका अपने माता-पिता के यहां जाना चाहती है। वहीं रहकर उसकी पढ़ने की इच्छा है। सवीना थाना पुलिस ने बताया कि बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट पर आरोपी मौसेरे भाई और भाभी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। समिति को यह भी शक है कि कही बच्ची को खरीदकर तो नहीं लाया गया। जिसको लेकर उसके मौसेरे भाई और भाभी से पूछताछ की जा रही है।