कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना: शीतकालीन अवकाश में संचालित मिले नामचीन निजी स्कूल
अलवर (राजस्थान) शिक्षा विभाग के द्वारा 25 दिसम्बर 2022 से सरकारी एवं निजी विद्यालयों का शीतकालीन अवकाश घोषित किया हुआ है जिसको लेकर सरकारी विद्यालय तो बंद है कुछ निजी विद्यालयो शिक्षा विभाग के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए जहां चारों ओर घने कोहरे के बीच छोटे-छोटे नौनिहाल विद्यालय जाते हुए नजर आए वहीं शिक्षा विभाग के आला कर्मचारी इस बात की सूचना के बाद भी लापरवाह नजर आए,
सरकारी विद्यालय जहां शिक्षा विभाग के आदेशों की पालना करते हुए नजर आते हैं वहीं निजी विद्यालय अपनी मनमानी करते हुए स्वयं के आदेशों की पालना करते हैं चाहे वह शैक्षिक सम्मेलन का अवकाश हो या इस प्रकार शीतकालीन अवकाश वह अपनी मर्जी चलाते हैं इसके बाद भी ब्लॉक स्तर पर शिक्षा अधिकारी कोई कार्यवाही भी नहीं करते हैं वहीं जहां कुछ निजी विद्यालय शिक्षा विभाग के आदेशों की पालना करते हैं उन्हें विद्यालय में अध्ययनरत बालकों के परिजनों की शिकायतें मिलती है निजी विद्यालयों में इस प्रकार की दोगली नीति के कारण परिजनों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है बाहर हाल शिक्षा विभाग अपने आदेशों की पालना कराने में नाकाम साबित हो रहा है
वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने शीतकालीन आदेशों की पालना नहीं करने पर ऐसे विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया अमल में लेने का प्रावधान जारी किया है लेकिन ऐसे में कई निजी विद्यालयों को इन आदेशों से कोई मतलब सरोकार नहीं है स्कूल संचालकों द्वारा भारी सर्दी व भारी कोहरे के बावजूद भी धड़ल्ले से विद्यार्थियों को जबरन पढ़ने के लिए विद्यालय बुलाया जा रहा है जबकि सरकार ने भारी सर्दी को देखते हुए शीतकालीन अवकाश घोषित किए हुए हैं, निजी विद्यालय संचालकों की मनमानी के चलते ऐसे कड़ाके की ठंड व कोहरे के चलते छोटे एवं नौनिहालों को परिजन मजबूरन विद्यालय भेजने को मजबूर है, जहां कड़ाके की सर्दी के चलते बड़े-बड़े लोगों का हाल बेहाल है ऐसे में छोटे बच्चों के लिए सर्दी बीमारी का कारण बन रही है
शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अपने रजिस्टर में शीतकालीन अवकाश की तिथियों को तो भर लेंगे लेकिन मौके पर जाकर आदेशों की पालन हो रही है या नहीं यह देखने की किसी के पास फुर्सत नहीं।
जिसे देखकर कहा जा सकता है कि आला अधिकारियों के ढुलमुल रवैया के चलते कुछ निजी विद्यालय अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं क्योंकि विभाग वाला अधिकारियों के द्वारा निर्देश तो जारी कर दिए हैं लेकिन उनकी पालना के लिए किसी प्रकार की जांच या निरीक्षण रणनीति नहीं बनाई गई है, निजी विद्यालयों द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिखित आदेशों की पालना नहीं करना नई बात नहीं है।
निजी स्कूल किस तरह मनमानी करते हैं इसका एक उदाहरण शुक्रवार की सुबह अधिकारियों को देखने को मिला। दरअसल शहर के बहरोड़ रोड पर वो एल एम पब्लिक स्कूल खुली हुई थी। जिसमें बच्चे अधिकारियों को पढ़ते हुए मिले जबकि शीतलहर को देखते हुए जिला कलक्टर जितेंद्र सोनी ने एक आदेश जारी किया था। आदेश में जिले की सभी स्कूल है। 6 जनवरी और 7 जनवरी को बंद रहेंगे लेकिन निजी स्कूल संचालक जिला कलेक्टर के आदेश को नहीं मानते और स्कूल चलाते मिला। जिला कलेक्टर के निर्देश पर शुक्रवार की सुबह एसडीएम सोहन सिंह नरूका व शिक्षा विभाग के अधिकारी मनोज शर्मा तुरंत स्कूल पहुंचे। एसडीएम नरूका ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर स्कूल पहुंचे थे। जहां बच्चे क्लासों में बैठकर पढ़ते हुए मिले। स्कूल संचालकों से जब यह जानकारी मांगी गई कि वह किस के निर्देश पर स्कूल चला रहे हैं तो बस गलती हो गई कहते हुए नजर आए। इसके बाद अधिकारियों ने तुरंत सभी बच्चों को छुट्टी करा दी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
गलन में ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचे: ठिठुर रहे थे बच्चे- शीतलहर के कारण अत्यधिक ठंड पड़ रही है। जिसके कारण लोगों का घर से निकलना कम हो गया है। वही ऐसी ठंड को देखते हुए जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर स्कूलों की छुट्टी को 2 दिन और बढ़ा दिया था 9 जनवरी को स्कूल लगना था लेकिन उससे पहले ही निजी स्कूल कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना करते मिले।
हम आपको बता दें कि कल गुरुवार को भी सुबह कुछ निजी स्कूलो के संचालित होने के अंदेशे के चलते कस्बे थानागाजी व प्रतापगढ़ के सारे निजी स्कूलो का टीम के साथ ओचक निरीक्षण कर जाँच कर बन्द करवाये, निरीक्षण के दौरान कस्बे थानागाजी में 4 निजी स्कूल खुली मिली जिनमे तुरंत प्रभाव से बच्चों की छुट्टी करवाकर राज्य सरकार एवं विभाग के आदेश अनुसार शीतकालीन अवकाश में बच्चों का अवकाश रखने कक्षाएं नहीं चलाने की हिदायत देते हुए जिन विद्यालयों में कक्षाएं संचालित पाई गईं उन सभी स्कूलों के संबंधित संस्था प्रधानों को नोटिश भेज कर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि जिला कलेक्टर के आदेशों का उलंघन करने पर क्यो ना मान्यता रदद् कर दी जाए। उन्होंने ने बताया की जिला कलेक्टर साहब के निर्देश है कि आगामी 7 जनवरी तक सभी स्कूल बंद रहेंगे उसके बाद भी कस्बे के 4 निजी स्कूलों द्वारा आदेशो का उल्लंघन कर स्कूल खोले है उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिये भी लिखा जाएगा।
शीतकालीन अवकाश के दौरान निजी स्कूल संचालक उडा रहे सरकारी आदेशों की धज्जियां, कार्यवाही करने में विभाग फैल: अधिकारियों को सूचना नहीं
कलक्टर के बंद के आदेश के बाद भी स्कूल खुलने की सूचना शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नहीं थी। इस मामले में भी जिला कलेक्टर ने स्वयं अधिकारियों को निर्देशित किया है जबकि अन्य अधिकारियों को स्कूल खुलने की सूचना ही नहीं थी। इसका मुख्य कारण यह है कि अलवर जिला कलेक्टर आम आदमी से जुड़े हुए हैं। आम आदमी अपनी समस्याओं को सीधा जिला कलक्टर के पास रखता है। ऐसा शायद इसलिए है कि अन्य अधिकारी उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं करते जबकि कलक्टर तुरंत कार्यवाही करते हैं।