दातागंज विधायक ने सुंदरकांड पाठ का आयोजन करवाया, मारुती नंदन हनुमान की भक्ति में डूबे दिखे भक्तजन

अत्यंत सिद्ध है सुंदरकांड का पाठ, सुख-शांति-वैभव सब मिलता है इससे :विधायक दातागंज राजीव कुमार सिंह

Jun 12, 2022 - 20:26
Jun 12, 2022 - 23:20
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दातागंज विधायक ने सुंदरकांड  पाठ का आयोजन करवाया,  मारुती नंदन हनुमान की भक्ति में डूबे दिखे  भक्तजन

 अभिषेक वर्मा / बदायूँ/ यूपी-   दिन शनिवार को जनपद बदायूँ के विधानसभा 117 के दातागंज विधायक राजीव कुमार सिंह उर्फ बब्बू भैया ने अस्तल मंदिर में बजरंग बली की प्रतिमा के दर्शन करने के बाद में उन्होंने अपने निजी आवास पर  सुंदरकांड पाठ का  आयोजन करवाया। आयोजन के चलते दातागंज विधायक सहित समस्त भक्तजन महाबली हनुमान की भक्ति में डूबे नजऱ आये। सुंदरकांड पाठ में घर परिवार के लोगों समेत कई  समर्थकों ने भी पवन पुत्र हनुमान की आराधना की। पाठ के समापन के बाद सबसे पहले दातागंज विधायक व उनके परिवारजनों ने मारुती नंदन हनुमान की आरती की। उनके बाद बारी-बारी वहां मौजूद सभी भक्तजन ने भगवान की आरती की। वही दातागंज विधायक राजीव कुमार सिंह उर्फ बब्बू भैया ने हमारे संवाददाता अभिषेक वर्मा द्वारा वर्ता करने पर बताया कि  मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का संपूर्ण जीवन चरित्र गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस में समाया हुआ है। जिसे सामान्य भाषा में हम रामायण के नाम से जानते हैं। यूं तो इसकी प्रत्येक चौपाई का पठन-पाठन पुण्यदायी और प्रभु श्रीराम के करीब ले जाने वाला है, लेकिन इसमें सबसे उत्तम सुंदरकांड पाठ को माना गया है

सुंदरकांड पाठ में हनुमानजी द्वारा किए गए महान कार्यों का वर्णन किया गया है। अखंड रामायण पाठ में सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्व होता है। यहां तक कि अखंड रामायण का पाठ समाप्त हो जाने के बाद भी एक बार फिर से सुंदरकांड का पाठ अलग से किया जाता है। इसमें हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन से लंका से वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। इस अध्याय के मुख्य घटनाक्रम हैं हनुमान जी का लंका की ओर प्रस्थान, विभीषण से भेंट, सीता से भेंट करके उन्हें श्री राम की मुद्रिका देना, अक्षय कुमार का वध, लंका दहन और लंका से वापसी। रामायण में सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। संपूर्ण रामायण कथा श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है, जबकि सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है, जो सिर्फ हनुमानजी की शक्ति और विजय का अध्याय है। यह तो सभी जानते हैं कि हनुमानजी सप्त चिरंजीवी में से एक हैं। यानी वे अभी भी पृथ्वी पर सशरीर मौजूद हैं। यह माना जाता है कि जहां भी सुंदरकांड का पाठ होता है वहां हनुमानजी किसी न किसी रूप में पाठ सुनने अवश्य आते हैं। यह कई लोगों ने साक्षात अनुभव भी किया है। सुंदरकांड का पाठ प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को किया जाता है।

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