प्रताप दुर्ग के मुख्य गेट पर मिट्टी धंसने से बना गहरा गड्ढा: एक साल गुजर जाने के बाद भी पुरातत्व विभाग नही दे रहा ध्यान
वैर (भरतपुर, राजस्थान/ कौशलेंद्र दत्तात्रेय) ऐतिहासिक प्रताप दुर्ग के मुख्य गेट पर गत वर्ष बारिश के दिनों में पानी से मिट्टी धंसने से गहरा गड्ढा हो गया था। जिसकी एक साल गुजर जाने के बाद भी पुरातत्व विभाग ने कोई सुध नहीं ली है। गत वर्ष बने 2 फीट गहरे गड्ढे से लगातार पानी जाने से अब करीब 25 फुट लंबाई तक के पत्थर धंस गए।
प्रताप दुर्ग में प्रवेश करने के लिए नीचे से पत्थर लगा कर फर्श एवं दोनों तरफ सीढ़ियां बनी हुई है। एक तरफ की सीढ़ियों के नीचे से भी मिट्टी बहकर चली गई ।जिसके नीचे सुरंगनुमा स्थिति बन गई है। और कई सीढ़ियां भी क्षतिग्रस्तहो गई ।इससे यहां पर हादसा होने का डर बना हुआ है। प्रताप दुर्ग में प्रवेश करने के दो मुख्य दरवाजे है। जिनमें से उत्तर दिशा में बने मुख्य दरवाजे पर बारिश के दौरान मुख्य गेट से होकर पानी बहने से गड्ढा हो गया था ।जिसके बारे में पुरातत्व विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया। जिन्होंने प्रपोजल बनाकर भेजने का आश्वासन दिया ।लेकिन 1 वर्ष गुजर जाने के बावजूद ना तो पुरातत्व विभाग और न ही स्थानीय प्रशासन की ओर से ध्यान दिया गया।
स्थानीय निवासी चंद्रशेखर उर्फ पप्पू एवं राम प्रकाश शुक्ला ने बताया कि बारिश होने पर प्रताप दुर्ग के अंदर का पानी इसी दरवाजे से होकर बाहर निकलता है। अब यह पानी मुख्य दरवाजे पर बने गड्ढे में गिरकर प्रताप दुर्ग की दीवारों व सीढ़ियों के साथ-साथ आसपास की दुकानों में निकल रहा है जिससे आसपास की दुकानें क्षतिग्रस्त होने लगी। दुकानदारों में अनहोनी होने का भय व्याप्त है।आपको बता दें कि तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार में करीब करोड़ों रुपयों की लागत से मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रताप दुर्ग का जीर्णोद्धार करवाया था।