पांडुपोल में दर्शन के लिए देना पड़ रहा शुल्क:मुख्यमंत्री की शुल्क मुक्त की घोषणा 2 माह बाद भी लागू नहीं
अलवर, राजस्थान
अलवर जिले के सरिस्का में महाभारत समकालीन लेटे हुए हनुमान मंदिर में जाने के लिए पूर्व में कोई शुल्क नहीं था लेकिन सीरिस्का अभ्यारण बनने के बाद श्रद्धालुओं के प्रवेश पर शुल्क वसूला जाने लगा जहां बार-बार यह शुल्क बढ़ता रहा और अब मोटरसाइकिल से 60 रुपए और कार के लगभग 380 रुपए वसूले जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं ने कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष शुल्क माफी की बात रखने की मांग रखी थी। जिस पर अलवर में 12 मई को मिनी सचिवालय में सभा के दौरान सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुल्क माफी की घोषणा की थी लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी यह घोषणा धरातल पर कहीं भी लागू होती नजर नहीं आ रही है जिसको लेकर श्रद्धालुओं में काफी गहरा रोष नजर आ रहा है । श्रद्धालुओं का कहना है कि अपने इष्ट के दर्शन करने के लिए उन्हें यहाँ शुल्क देना पड़ रहा है। पौराणिक प्राचीन पांडुपोल हनुमान मंदिर के प्रवेश पर लगने वाले शुल्क से मुक्ति का लाभ सरकार कब तक दे पाती है यह तो प्रशासन और सरकार ही बता पाएगी।