भीलवाड़ा से कोटा में भर्ती चार माह के मासूम को मिली अनजान शहर में मिली मदद
दुर्लभ ग्रुप ऐबी नेगेटिव के एलेन फैकल्टी कृतार्थ गौतम ने क्लास बीच में छोड़कर मासूम की बचाई जान, की एसडीपी डोनेट
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) कोटा संभाग में बाहर से बेहतर इलाज की उम्मीद लगाए काफी रोगी आते है। इलाज के साथ साथ जब उनके तीमारदारों को ब्लड या एसडीपी की व्यवस्था फॉरेन करने के लिए कहा जाता है तब परेशानी चालू होती है। ऐसे में कोटा में सामाजिक कार्य कर रही संस्थाओ का बहुत उल्लेखनीय योगदान है। ये रक्तवीर बनकर मदद के लिए आगे आते है। इससे अनजान शहर से रोगी का एक नया रिश्ता सा बन जाता है। इस क्षेत्र में काफी वर्षों से सक्रियता से कार्य कर रहे लायंस क्लब कोटा टेक्नो के डायरेक्टर व टीम जीवनदाता के संस्थापक भुवनेश गुप्ता बताते है कि भीलवाड़ा निवासी सद्दाम ने अपनी मासूम 4 माह की बिटिया आयत नूर को कोटा दिल में छेद व अन्य बीमारी के उपचार हेतु भर्ती करवाया था। डॉक्टर ने उन्हे ऐ बी नेगेटिव एसडीपी व रक्त की व्यवस्था फॉरेन करने के लिए कहा। दुर्लभ ग्रुप होने के कारण इस ग्रुप का ब्लड कोटा के किसी भी ब्लड बैंक में उपलब्ध नही था। परेशान घूमते घूमते किसी ने सोशल मीडिया से भुवनेश गुप्ता के नंबर लेकर दिए। गुप्ता से बात होते ही उन्होंने ब्लड के लिए बृजराज सिंह को और एसडीपी के लिए एलेन इंस्टीट्यूट के फैकल्टी कृतार्थ गौतम से अनुरोध किया। कृतार्थ अपनी क्लास के रहे थे, परिस्थिति को भांपकर उन्होंने क्लास छोड़ी और फॉरेन ब्लड बैंक आकर एसडीपी डोनेट की। कृतार्थ अपने रक्तवीर भाई विट्ठल गौतम के साथ ब्लड बैंक पहुंचे थे। भाईयो का कहना था कि हमे बचपन से ही माता पिता ने ये शिक्षा दी है कि मदद के आगे हर कार्य को दरकिनार करना है। कृतार्थ की माता स्वम भी ऐ बी नेगेटिव लाइव डोनर है और छोटा भाई विट्टल गौतम व पिता भी ऐ नेगेटिव के डोनर है। सेवा के परिवारिक संस्कार बचपन से ही है सो पूरा परिवार लगातार डोनेशन कर रहा है। अनजान शहर के इस तरह अपनो को पाकर सद्दाम हुसैन अभिभूत हुआ।