चम्बल परियोजना कम्पनी के अधिकारियों की लापरवाही, पाइप लाइन जांच का कार्य अधूरा: कस्बेवासियों के सब्र का टूटने लगा बांध
,15 मई तक पानी उपलब्ध् कराने का वादा थोथा हुआ साबित
कामां (भरतपुर, राजस्थान) जिले के प्रभारी मंत्री रमेश मीणा व जिला कलक्टर आलोक रंजन का 15 मई तक कस्बे को पानी देने का वादा पूरा नही हो सका है। अब भी प्रशासन कस्बे को शीघ्र ही पानी देने का थोथा वादा कर रहा है। वहीं कस्बेवासियों के सब्र का बांध टूटने लगा है। लेकिन चम्बल परियोजना के जिम्मेदार अधिकारी अब पाइप लाइन की जांच का बहाना लगा रहे है।
कामां कस्बा सहित 33 गावों को प्रथम चरण में 15 मई तक चम्बल का पानी उपलब्ध कराने का प्रभारी मंत्री व जिला कलक्टर ने वादा करके गए थे। हालांकि उनके आश्वासन के बाद डीग से कामां तक आधी अधूरी करीब 23 किलोमीटर की पाइप लाइन तो डाल दी। और कस्बां के लिए सीधी सप्लाई के लिए अक्खड़बाड़ी तिराहा व कालका मन्दिर के निकट सीधा मिलान भी कर दिया गया। तथा के गांव कुचावटी स्थित मैन पाइप लाइन से कामां की लाइन को जोड़ दिया गया।
पाइप लाइन की लीकेज जांच डीग रोड़ स्थित परमदरा तक पानी डालकर जांच पूरी कर ली। अब गांव परमदरा से आगे पाइप लाइन की जांच के लिए कम्पनी के पास छ: सौ एमएम के डीआई रिंग जॉन्ट मौजूद नही होने से लीकेज का कार्य रूका हुआ है। श्रीहरि इण्डिया कम्पनी लिमिडेट द्वारा इस पाइप लाइन के लिए रिंग उपलब्ध करा रही है। जिसके चलते कस्बें को चम्बल का पानी मिलने में व्यवधान बना हुआ है। जबकि इसी बजट में तीसरे चरण के लिए चम्बल परियोजना को राज्य सरकार ने करीब 6 हजार करोड़ रूपए स्वीकृति दी है।