PM मोदी की सुरक्षा में एक बार फिर बड़ी चूक, SPG घेरा तोड़कर कार के करीब पहुंचा युवक
पीएम मोदी कर्नाटक में 26वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव में शिरकत करने के लिए कर्नाटक के हुबली में पहुंचे। उन्होंने हुबली में रोड शो के दौरान लोगों का अभिवादन भी स्वीकार किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया है. पीएम मोदी के रोड शो के दौरान SPG घेरा तोड़कर युवक अचानक उनकी तरफ दौड़कर कार के काफी ज्यादा करीब पहुंच जाता करीब पहुंचा। दरअसल युवक प्रधानमंत्री तक फूलों की माला पहुंचाना चाहता था, इसके लिए उसने बिना सोचे समझे एसपीजी का घेरा तक तोड़ दिया और पीएम मोदी तक पहुंच गया. इसे देखते ही एसपीजी कमांडो हरकत में आए और युवक को पीएम से दूर कर दिया.
पीएम मोदी कर्नाटक के हुबली में अपनी कार से एक रोड शो में हिस्सा ले रहे थे, इस दौरान प्रधानमंत्री कार का दरवाजा खोलकर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे,
#WATCH | Karnataka: A young man breaches security cover of PM Modi to give him a garland, pulled away by security personnel, during his roadshow in Hubballi.
(Source: DD) pic.twitter.com/NRK22vn23S — ANI (@ANI) January 12, 2023
एसपीजी का घेरा पीएम मोदी के साथ चल रहा था. तभी तेजी से युवक माला लेकर प्रधानमंत्री के पास पहुंच जाता है और माला पहनाने की कोशिश करता है. हालांकि एसपीजी कमांडो पीएम तक उसे नहीं पहुंचने देते हैं. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने इस युवक को पीएम के पास पहुंचते ही पकड़ लिया और पीछे की ओर धकेल दिया। हालांकि पुलिस कमिश्नर ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा है कि ये सुरक्षा में चूक नहीं है।
क्या है राष्ट्रीय युवा दिवस-
दरअसल भारत सरकार ने 1984 में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया था। 12 जनवरी को ही स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। उनकी प्रेरणा देश के युवाओं को रास्ता दिखाती रहे और युवा उनको याद करते रहें, इसीलिए इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते हैं।
इससे पहले जनवरी 2022 को भी हुई थी पीएम की सुरक्षा मे चूक घटना
5 जनवरी 2022 को पंजाब में सड़क मार्ग से बठिंडा से फिरोजपुर जा रहे प्रधानमंत्री के काफिले को 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा था. इसकी वजह यह थी कि फ्लाईओवर के आगे अचानक बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंच गए थे. इसे सुरक्षा में गंभीर चूक की तरह देखा गया क्योंकि राज्य के डीजीपी की सहमति के बाद ही प्रधानमंत्री का रास्ता निर्धारित किया जाता है.मामले को लेकर लॉयर्स वॉइस नाम की संस्था सुप्रीम कोर्ट पहुंची और निष्पक्ष जांच की मांग की थी.