मातृभाषा व संस्कृति से जुड़े रहने से ही हमारी पहचान जिंदा रहेगी-ओएसडी सुरेंद्र सिंह
खैरथल,अलवर (हीरालाल भूरानी)
झूलेलाल मंदिर खैरथल, पूज्य सिन्धी पंचायत खैरथल एवं झूलेलाल सेवा मंडल खैरथल के संयुक्त तत्वावधान में 16 जुलाई से 25 अगस्त तक आनंद नगर कॉलोनी स्थित झूलेलाल मंदिर में आयोजित इष्टदेव झूलेलाल भगवान के चालीहा महोत्सव में ओएसडी सुरेंद्र सिंह ने पहुँचकर झूलेलाल भगवान की प्रतिमा एवं अखंड ज्योत के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इससे पूर्व ओएसडी सुरेंद्र सिंह के झुलेलाल मंदिर में पहली बार पहुंचने पर पूज्य सिंधी पंचायत खैरथल अध्यक्ष मुखी मनोहर लाल रोघा के नेतृत्व में पूज्य सिंधी पंचायत अलवर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश रोघा, पूज्य सिंधी पंचायत खैरथल के वरिष्ठ प्रवक्ता हीरालाल भूरानी, गोविंद रोघा, झूलेलाल मंदिर व्यवस्थापक अर्जुनदास बाबानी, महेश आड़तानी, गोसेवक जे.बी.मंघाराम, मुखी टीकमदास मुरजानी, सेवक लालवानी,पंकज रोघा,नत्थूराम रामनानी, सुमित रोघा, तुलसीदास भूरानी,मन्नू मंघवानी,बाबूलाल गोरवानी, टीकमदास चंदनानी, गोपाल शर्मा, लीलाराम भगतानी, ठाकुरदास गिदवानी, शिशुपाल रेलवानी ने ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया। जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश रोघा ने ओएसडी सुरेंद्र सिंह को मंदिर में चल रहे चालीहा महोत्सव की जानकारी देते हुए मंदिर में भगवान झुलेलाल सहित सभी देवी देवताओं की प्रतिमाओं एवं झुलेलाल भगवान की अखण्ड ज्योत के दर्शन कराएं।कार्यक्रम के दौरान बाबा शीतलदास लालवानी ने ओएसडी सुरेंद्र सिंह एवं डॉ अनुराग कौशिक का शाल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित कर आशीर्वाद प्रदान किया। इस दौरान ओएसडी सुरेंद्र सिंह ने कहा की मातृभाषा व संस्कृति से जुड़े रहने पर हम अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। इस तरह के आयोजन से समाज की एकता एवं अखंडता बनी रहती है। इस दौरान झुलेलाल सेवा मंडल के बिस्तियो बाबा दयालदास प्रदनानी,मन्नू मंघवानी,नारू रोघा, तुलसीदास भूरानी, धर्मदास तलरेजा, मदी प्रदनानी, राजा मंगलानी,चतर ज्ञानवानी, देवीदास भगत, किशोर माखीजा, प्रकाश चंद, प्रदीप गुरनानी,श्याम केवलानी, मिर्चु चंदानी,भावनदास, दीपक, योगेश कोडवानी,रोशन लालवानी, सोनू पोपटानी द्वारा प्रस्तुत किये गए झूलेलाल भगवान के भजनो का आनंद प्राप्त किया। शाम 7 बजे आरती एवं पल्लव के बाद समाज की सिंधी बहनों व माताओं द्वारा अलग-अलग तरह का प्रसाद खुद बनाकर झुलेलाल भगवान को लगाए गए भोग प्रसाद को ग्रहण किया।