सरपंच देख रहे मुंगेरीलाल के हसीन सपने: सरपंची की नहीं विधायक बनने की चिन्ता
वैर (भरतपुर राजस्थान/ कौशलेंद्र दत्तात्रेय) साल 2023 में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं जिन चुनावों में भाजपा की ओर से दो दर्जन से अधिक लोग वैर से विधायक बनने का सपना देख रहे है ।जो सपना मुंगेरीलाल के हसीन सपने की तरह साबित होगा। कुछ को सरपंची पद की चिंता नहीं है , उन्हें विधायक बनने की चिंता है।
कुछ लोग दल बदल कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं ।कुछ भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं ।क्योंकि उन्हें पता है ।कि राजस्थान में एक बार कांग्रेस की एक बार भाजपा की सरकार बनती रही है ।इस बार भाजपा की सरकार बनेगी परंतु उन्हें यह नहीं मालूम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जादूगर हैं ।जो राजस्थान में लगातार दूसरी बार कांग्रेस की सरकार बनाने में सफल साबित हो सकते हैं। सरकारी और गैर सरकारी अच्छे पदों पर सर्विस करने के बाद भी उन्हें आराम से रहने की चिंता नहीं है। केवल ऐसे लोग विधायक बनने का सपना देख रहे हैं। वैर विधानसभा क्षेत्र को हमेशा लोग याद रखते हैं। क्योंकि यह एससी वर्ग के लिए आरक्षित है ।इस क्षेत्र ने राजस्थान को एक बार मुख्यमंत्री दिया और केंद्र में केंद्रीय मंत्री साथ में इस क्षेत्र से बिहार और हरियाणा का राज्यपाल बनाया। वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं। जो राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं जिन्होंने क्षेत्र का चहुंमुखी विकास कराया है। प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास लेकर आए हैं ।क्षेत्र की जनता को अनेक सौगातें भी दी ऐसे व्यक्ति को हराने के लिए गैर कांग्रेसी दलों को मजबूत उम्मीदवार नजर नहीं आ रहा क्योंकि गैर कांग्रेसी एक दल में बाहरी फुट है,। जो जनता जानती है ।इसका भी प्रणाम गैर कांग्रेसी दलों को बोलना पड़ेगा इस क्षेत्र से वर्तमान सांसद दो पूर्व सांसद एक रिटायर्ड आईएएस एक आयकर विभाग का रिटायर्ड व्यक्ति भी शामिल है।
ग्राम पंचायत नावली की सरपंच कोमल महावर को जिस भाव से क्षेत्र की जनता ने सरपंच बनाया अब उन्हें क्षेत्र के लोगों की नहीं स्वयं के विधायक बनने की चिंता अधिक है ।जो अपने क्षेत्र में केवल रात्रि के समय ही घर आती हैं ।और दिन में भाजपा के कार्यक्रम तथा विधानसभा क्षेत्र में अधिक घूमती है। गांव नावली निवासी मीरा जाटव ने बताया की सरपंच हमें दिन में नहीं मिलती कभी-कभी रात्रि को घर पर मिल जाती है। वह हमको संतोषजनक जवाब भी नहीं देती हम बेरोजगार हैं ।नरेगा का काम हमको मिल नहीं रहा है।एंव हमारे बच्चों के कई प्रकार के काम समय पर नहीं हो रहे हैं। गांव के लोग दर-दर की ठोकरें खाते हुए पैसा खर्च कर स्वयं अपना काम अधिकारियों से करा रहे हैं। कई काम ऐसे से हैं ।जिन पर सरपंच के हस्ताक्षर बहुत जरूरी है। सरपंच के हस्ताक्षर कराने के लिए हमें इधर-उधर भटकना पड़ता है। जब यह गांव में नहीं मिलती है। तो विधानसभा क्षेत्र के दूर-दराज के गांव में पहुंचकर हस्ताक्षर कराकर लाने पड़ते हैं।