संतों के सानिध्य व जयकारों के उद्घोष के साथ ही हुई मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा
उदयपुरवाटी / बुगाला(सुमेर सिंह राव)
महादेव प्रसाद भोलाराम जांगिड सेवा सदन ट्रस्ट द्वारा बास नानग अजाडी कलां में राम दरबार एवं अन्य देवी देवताओ की मूर्तियों की विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई।रूपाणा धाम महंत पवन कुमार के सानिध्य में हुए समारोह के मुख्य अतिथि हाथोज धाम महंत बाल मुकुन्दाचार्य थे। विशिष्ट अतिथि पीठाधीश्वर ओमनाथ झुन्झुनू , महन्त बलवीर दास सीकर, पीठाधीश्वर योगेन्द्रनाथ देहरादून व महामण्डलेश्वर गुरुमां मेघना ब्यावर रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वकर्मा की पूजा अर्चना व आरती से हुआ। सरस्वती स्कूल बड़ागांव की छात्राओं ने सरस्वती वन्दना पेश की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जांगिड़ महासभा के अध्यक्ष रामपाल शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि सांवरमल जांगिड,संजय हर्षवाल,पूर्व जज जयसिंह जांगड़ा,कमिश्नर आर के केशवानिया,डॉ सीपी शर्मा,ओपी जांगिड,खुशीराम,पार्षद ओपी शर्मा,कुरडाराम धींवा,राधेश्याम अग्रवाल,धनपत सिंह जांगड़ा,राजेद्रसिंह शेखावत,पीएन इन्दोरिया,जगदीश जांगिड़, शिवकुमार,डॉ शेरसिंह,हरिशंकर जांगिड,महेश जांगिड,राष्ट्रीय नन्दलाल खण्डेला,चरणपाल, सीताराम बरवाडिया,बीएस पालीवाल,राजेश जांगिड़,मनरूप जांगिड,बनवारी लाल,नथमल,पोकरमल जांगिड रहे।इस दौरान रामपाल शर्मा ने सम्बोधित करते हुऐ कहा कि अधिवक्ता एनएल जांगिड समाज के उत्थान के लिए जो कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं वे सराहनीय हैं।महंत बालमुकुन्दाचार्य जयपुर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के परिपेक्ष में मंदिर बनाने का महत्व और उसके द्वारा ईश्वर से नाता जोड़ने की सरल भाषा में जुडने की विधि बतायी। गुरु मां मेघना ने संगठन व धर्म के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने आज के समय मे सामाजिक कुरीतियों से किस प्रकार निजात पाई जा सके उसके बारे में अवगत करवाया। सभी सन्तो को मन्दिर में स्थापित मूर्तियों का अवलोकन करवाया गया। सभी सन्तों ने एनएल जांगिड की धर्म के प्रति आस्था रखने की लोगों ने भूरी भूरी प्रशंसा की। मंच संचालन भंवरलाल जांगिड व नन्दलाल जांगिड ने किया।ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष सुमित जांगिड ने कार्यक्रम में पधारे सभी सामाजिक संगठनो के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया।समारोह के दौरान भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने पंगत प्रसादी ली।