ईटों के दामों ने छुआ आसमान कीमतें बढ़ने से जरूरतमंद हो रहे परेशान :गरीब नहीं बना सकता अपना आशियाना
वैर, भरतपुर, राजस्थान(कौशलेंद्र दत्तात्रेय)
उपखंड क्षेत्र में ईटों के दाम दिनों दिन आसमान छू रहे है ।जिससे सिर ढकने के लिए आशियाना बनाने का सपना पाल रहे लोग खासे परेशान हैं। ईंट भट्टों पर भारी-भरकम स्टांक रखने वाले भट्ट संचालक मुंह मांगे दामों पर ईंट बेचने का कार्य कर रहे हैं। सबसे अहम बात तो यह है कि भट्टा मालिक ग्राहकों को भेजी गई ईंटों के एवज में पूरी रकम लेने के उपरान्त एक आद ग्राहक को छोड़कर कई ग्राहकों को बिल तक नहीं दे रहे हैं ।जिससे सावित होता है कि सरकार को ही जमकर राजस्व का चूना लगाया जा रहा है । एवं टैक्स की चोरी हो रही है ।हालात यह है कि तीन माह पूर्व तक 6 हजार में प्रति हजार बिकने वाली ईंटें फिलहाल 8 हजार रुपए प्रति हजार रुपए में बेची जा रही है ।मीठे पानी की बनी अब्बल दर्जे की ईंटों का भाव और भी ऊंचा बताया जा रहा है। और ईट खरीदने वाले ग्राहकों को खरीदी गई ईटों की एवज में बिल भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जिन ईट भट्टा संचालकों के पास ईंटें नहीं है वह तो साफ कह रहे हैं कि हमारे पास ईंटें नहीं है तो भाव क्या बताएं। लेकिन जिन भट्टों पर ईटों का स्टॉक जमा है वह मुंह मांगे दामों पर ईंट बेचकर मोटा मुनाफा कमाने से बाज नहीं आ रहे ।देखने वाली बात यह है कि जैसे-जैसे ईट भट्टों पर ईटों का स्टॉक कम होता जाता है वैसे वैसे ईंटों के दामों में तेजी कर दी जाती है। ईटों के भाव आसमान छू रहे हैं। जिसके चलते जरूरतमंद लोग खासे परेशान हो रहे हैं ।उनका कहना है कि ईटों के दाम कंट्रोल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा संबंधित विभाग बनाया हुआ है। ईटों की विभिन्न श्रेणियों के दाम भी सरकार की तरफ से निर्धारित हैं तो फिर ईटों की कालाबाजारी किसकी सह पर और कैसे हो रही है ।भट्ठा संचालक ऊंचे दामों पर ईंट बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। और संबंधित अधिकारी जनता को लूटते देखकर चुप्पी साधे बैठे हुए हैं।