हेलमेट का प्रयोग कोई कानूनी बाध्यता नहीं है बल्कि इसमें आप की सुरक्षा- इंस्पेक्टर रेनू सिंह
सड़क सुरक्षा : नियमों का पालन कर खुद की जान बचाएं - इंस्पेक्टर श्रीमती रेनू सिंह
बदायूँ (उत्तरप्रदेश/ अभिषेक वर्मा) सड़कों पर बढ़ती आबादी के साथ वाहनों की बढ़ती संख्या का बोझ दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। सड़कें पहले से दुरुस्त भी हो रही है। इससे आवागमन तो सुलभ हुआ है पर सड़कों पर खून के धब्बे भी लगातार बढ़ते जा रहे है। प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने व घटनाओं में हो रही मौत व जख्मी लोगों की संख्या कम करने को शासन-प्रशासन सड़क सुरक्षा के प्रति जागररूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, पर उसपर वाहन से जुड़े लोग ही अमल नहीं करते। ऐसे में बदायूँ की महिला थाना इंस्पेक्टर श्रीमती रेनू देवी ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा है कि सड़क सुरक्षा नियमोंका पालन कर खुद की व दूसरों की जान बचाएं, सड़क सुरक्षा के प्रति सजग रहना बहुत ही जरूरी है खुद के प्रति जिम्मेवार बने क्योंकि जीवन सबका अनमोल है, आप कों बताते चले कि यातायात नियमों को ताक पर रखकर रफ्तार के साथ वाहन चलाने व सुरक्षा मानकों पर जरा सा भी ख्याल नहीं रखने की वजह से सड़कों पर मौत की संख्या में इजाफा हो जाता है, इंस्पेक्टर श्रीमती रेनू सिंह का कहना है कि अब भी खुद की जान की सुरक्षा के प्रति लोग सजग नहीं हुए तो उनके लिए खुद मौत को आमंत्रण देना ही माना जाएगा। आज हाल है कि बाइक पर लोग खासकर युवा बैठे ही नहीं उनके वाहन की रफ्तार हवा से बात करने लगती है। जबकि चालक न तो सिर पर हेलमेट और न पांव को जूता से सुरक्षित रखते हैं। वही बाइक चालक को हेलमेट पहनना ही नहीं है जैसे मानों वे जान चुंके होते हैं कि सडक दुर्घटना की स्थिति में उन्हें सिर पर गंभीर चोट नहीं आने वाली है। यही हाल चार पहिया वाहन चालकों का होता है। कार व अन्य वाहन में सीट बेल्ट की होने के बावजूद वे उसका उपयोग नहीं करते। वाहनों को रफ्तार के साथ बगैर पूर्व संकेत के ब्रेक लगाने, अंतिम समय पर मोड़ के नजदीक सांकेतिक लाइट जलाने के दौरान यह जरा सा ख्याल भी रखते ही पीछे से वाहन लेकर आ रहे चालक क्या उनकी इस मनमानी से खुद को बचा पाएगा। नतीजा खुद तो दुर्घटना का शिकार होते ही हैं, राह चलते लोगों की जान भी सांसत में फंस जाती है। इस प्रकार यातायात नियमों की अनदेखी व सुरक्षा मानकों के साथ खिलवाड़ की वजह ही वाहन चालकों के अलावा राहगीरों के लिए जानलेवा साबित होती है। जबकि राहगीरों की कोई गलती भी नहीं होती। ऐसे में यातायात नियमों के पालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देना जरूरी है। दुर्घटना से बचाव को वाहन चालकों समेत राहगीरों को भी यातायात नियमों की जानकारी व सड़क सुरक्षा के प्रति सावधानियों की जानकारी रखना बहुत जरूरी है। परिवहन नियमों के अनुपालन कर ही सड़क दुर्घटना पर विराम लगाया जा सकता है। इन बातों का खास रखें ख्याल कि सड़क पर अंकित गति सीमा का अनुपालन करें, सड़क पर मोड़, रेलवे ट्रैक, पुल-पुलिया, घनी आबादी से जुड़ क्षेत्र, जेब्रा, रोड ब्रेकर आदि संकेतों का अनुपालन करें। सड़कों को पार करते समेत राहगीर जल्दीबाजी न करें, दोनों तरफ की ट्रैफिक सुरक्षित हो तभी पार करें।
यह मान लें कि हेलमेट का प्रयोग कोई कानूनी बाध्यता नहीं है बल्कि इसमें आप की ही सुरक्षा है यह सोचना उचित नहीं है कि हेलमेट केवल पुलिस की निगाह से बचने के लिए लगाया जाए, जब पुलिस नजर में न हों तो हम इसका उल्लंघन करें। यह सोच दुर्घटना के वक्त जानलेवा साबित होती है। जल्दबाजी में ओवरटेक न करें, सड़कों पर घूमते समय लाइट का संकेत कुछ पहले ही दें, किसी भी स्थिति में शराब पीकर वाहन न चलाएं साथ ही किसी को चलाने को प्रेरित भी नहीं करें। सड़क व आस पास नहीं बल्कि पार्किंग पर ही गाड़ी खड़ी करें, अगर वाहन चालक कों नींद आ जाए तो पेट्रोल पंप पर साइड से रोक कर गाड़ी में नींद पूरी होने के बाद ही वहाँ से निकले,सड़क पर लगाये गये हर संकेतक को समझें और उसका अनुपालन करें। गति सीमा का जरूर ख्याल रखें , खास तौर से नौजवानों में क्रेज देखा जाता है कि वे अत्यधिक तेज गति से बाइक या कार चलाते हैं यह हादसे का बड़ा कारण है अति उत्साह में जान को जोखिम में डालना घर-परिवार व समाज किसी के हित में नहीं है इस मनमानी की वजह से कोई दूसरा भी मुसीबत में न पड़ जाए, इसका ख्याल हर वाहन चालक जरूरी रखें। बाइक सवार की मौत से जुड़ी अधिकांश दुर्घटना की वजह हेलमेट न पहनना व रफ्तार ही होती है। श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉo ओ.पी सिंह महोदय के निर्देशन में रोड पर दो एवं चार पहिया वाहन की सघन चेकिंग अभियान बदायूँ पुलिस लगातर चालती रहेगी। वहनों की जांच कर जुर्माना समेत अन्य कानूनी कार्रवाई भी लगातर चलती रहेगी। मेरा वाहन चालकों से कहना है अपील है कि यातायात के नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है क्योंकि यातायात क नियम हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाएं गए है ताकि वह नियमों का पालन करके सुरक्षित अपने घरों को पहुंच सके, वाहन चलाते समय हमेशा सीट बेल्ट का प्रयोग करें, वाहन चलाने में गतिसीमा का अनुपालन करें, जान है तो जहान है। रात में डिपर का प्रयोग करें एवं नशे की हालत में वाहन कतई न चलाएं। सड़क पर लापरवाही के चलते होने वाली दुर्घटनाओं से भी सचेत करते हुए गलत साइड में वाहन नहीं चलाये । वाहन चलाते समय हमेशा वाहन की आरसी, डी एल लाइसेंस, बीमा एवं प्रदूषण प्रमाण पत्र साथ रखें नहीं तो उसका फोटो मोबाइल में रखे, बाइक पर तीन सवारी कतई यात्रा न करें। साथ ही मेरी सभी छात्र छात्राओं के अभिभावकों से अपील है कि ड्राइविंग लाइसेंस के बिना उनको वाहन चलाने कों बिलकुल भी न दे, नावालिकों कों वाहन से स्कूल आने पर स्कूल प्रबंधक प्रतिबंध लगाए, उनके अभिभावकों से सम्पर्क कर उनको अगवत कराए सभी स्कूल प्रबंधक इस ओर विशेष ध्यान दें।