दूषित जहरीले पानी से बदली नदी की जैव विविधता, वन्य जीवों में रोग फैलने की आशंका
थानागाजी (अलवर,राजस्थान) राष्ट्रीय बाघ परियोजना सरिस्का के नजदीक बसा थानागाजी नगरपालिका क्षेत्र के गंदे नाले जिनमें मल मूत्र, रासायनिक पदार्थ व गंदे दूषित जहरीले पानी को टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बहने वाली नदी रूपारेल में डालने के कारण नदी का स्वरूप व नदी की जैव विविधता बदल गई है। जैव विविधता बदलने से नदी की वनस्पति के साथ-साथ नदी का नेचर बदल चुका है। रूपारेल में बढ़ते जहरीले दूषित पानी से हर वर्ष हजारों वन्यजीव बीमार होने के साथ ही लाखों जलीय जीवो की मृत्यु हो जाती है, जो बाघ परियोजना क्षेत्र के में विचरण करने वाले वन्य जीवों के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात है। एल पी एस विकास संस्थान के निदेशक व प्रकृति प्रेमी रामभरोस मीणा ने नदी का अवलोकन पर यह पाया कि नदी में डाले दूषित जहरीला पानी वर्तमान में सरिस्का पैलेस तक पहुंच चुका है, सरिस्का बाघ परियोजना क्षेत्र में रहने वाले वन्य जीव पीने योग्य पानी की पूर्ति करने वाली यह नदी वर्तमान में जहरीला पानी साथ लेकर चल रही है , जिससे वन्यजीव में एक तरफ फूड पोइजन, टी बी , गैस्ट्रो एंटराडिजस, खुर मुंह पका, चर्म रोग फैलने की आशंका से नहीं नकारा जा सकता, नदी के पानी में हानिकारक आर्सेनिक तत्व की अधिकता के कारण वन्य जीवों के शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, यह गंभीर बीमारी है जो प्रदूषित जल से फैलती है । नाले का निर्माण से वर्तमान समय तक अनेकों बार नगर पालिका प्रशासन व वन विभाग को अवगत कराया जा चुका है लेकिन इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं, जबकि बांदीपुल, भृतहरी तिराया, सारा आदी स्थानों पर अनेकों बार लाखों मछलियां मर चुकी है जो पर्यावरण व वन्यजीवों के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है।