कम उम्र में 12 पीजी डिग्रियाँ हासिल करने वाले मास्टर डिग्रियों का मास्टर ब्लास्टर युवा शिक्षक की कहानी
भीलवाड़ा,राजस्थान
भीलवाड़ा : क्रिकेट में आपने सचिन के लिए मास्टर ब्लास्टर सुना होगा लेकिन कोई इंसान इतनी परीक्षाएँ दे दे कि वो डिग्रियों का मास्टर बन जाये तो क्या कहेंगे। परीक्षा का नाम आते ही अधिकांश को घबराहट होने लग जाती है लेकिन युवा शिक्षक योगेश दाधीच ने तो जैसे परीक्षा को साध ही लिया है। विभिन्न विषयों में 12 मास्टर डिग्री हासिल कर दाधीच लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाने की दहलीज पर खड़े हैं। भीलवाड़ा जिले की रायपुर तहसील के एक छोटे से गाँव नांदशा जागीर के योगेश दाधीच ने दो राज्यों के तीन विश्वविद्यालयों से 12 स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की है। उनकी डिग्रियां इस प्रकार हैं: कम्प्यूटर विज्ञान में पीजी माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्विद्यालय भोपाल से, संस्कृत साहित्य, हिंदी साहित्य, राजनीति विज्ञान, इतिहास, राजस्थानी, समाजशास्त्र तथा दर्शनशास्त्र में एमए जबकि इएएफएम में एमकॉम महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर से किया। साथ ही अंग्रेजी साहित्य, भूगोल, हिंदी साहित्य में एमए वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा से किया।
स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध की परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने पर हो जाएगी 14 डिग्रियाँ
कोरोना संकट के कारण विलम्ब से हुई स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 14 पीजी डिग्रियाँ पूरी हो जाएगी। एमडीएसयू से लोक प्रशासन में एमए उत्तरार्द्ध और कोटा ओपन से मनोविज्ञान में एमए उत्तरार्द्ध में उत्तीर्ण होने पर 14 डिग्रियाँ हो जाएगी।
एमए राजस्थानी में मिला स्वर्णपदक:- दाधीच को एमए राजस्थानी में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर अक्टूबर 2015 में राज्यपाल द्वारा स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया। इतिहास, भूगोल, हिंदी साहित्य में विश्वविद्यालय में वरीयता सूची में नाम दर्ज करवा चुके हैं। और केवल पीजी के ही 129 पेपर दे चुके हैं। आचार्य श्री तुलसी अमृत महाविद्यालय गंगापुर में वर्ष 1999 से लगातार परीक्षा देने का रिकॉर्ड बना चुके हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं में भी रहे सफल:- योगेश न केवल एमए बल्कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफल रहे हैं। तृतीय श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, प्रथम श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयनित होकर वर्तमान में भूगोल व्याख्याता के पद पर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पुर में कार्यरत हैं। विद्यालय में प्रतिवर्ष शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देते हैं। हाल ही में उनको शिक्षक सम्मान भी प्राप्त हुआ। आरपीएससी द्वारा आयोजित सेट परीक्षा 2013 के प्रथम प्रश्न पत्र में 100 में 100 अंक प्राप्त कर चुके हैं।
शिक्षा में करते हैं नवाचार: - अपनी सारी शिक्षा सरकारी विद्यालयों और ग्रामीण परिवेश में प्राप्त करने वाले योगेश ने मॉडल स्कूल पोटलां में अध्यापन के दौरान ‘मन से मन की बात’ कार्यक्रम चलाया जिसमें समाज के प्रबुद्ध लोगों का साक्षात्कार बच्चों के बीच लिया जाता था। अभी यूट्यूब चैनल 'युग दर्शन' के माध्यम से समाज में नवाचार करने वाले लोगों का साक्षात्कार लेते हैं।
सफलता का श्रेय माता पिता को :- योगेश अपनी सभी सफलताओं का श्रेय अपने पिता पूर्व अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल लाल दाधीच और माता सेवानिवृत्त वरिष्ठ अध्यापिका बसन्ता दाधीच को देते हैं। उनके मार्गदर्शन ने ही आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। पत्नी पूजा भी एमए भूगोल में गोल्ड मेडलिस्ट है। योगेश मंच संचालन, चित्रकारी के साथ कविता और लेख भी लिखते हैं।
दो डिग्री कर सकते हैं एक साथ शासन उपसचिव (शिक्षा विभाग) के 4 मई 2010 के आदेशानुसार एक ही सत्र में दो अलग अलग विश्वविद्यालय से अलग अलग विषयों में(नियमित एवं मुक्त विश्वविद्यालय से स्वयंपाठी के रूप में) अर्जित उपाधि/डिग्रियाँ मान्य है। योगेश इस नियम का लाभ उठाकर एक साथ दो डिग्रियाँ प्राप्त करते हैं।
सिक्किम के 52 वर्षीय अनिल के नाम है रिकॉर्ड :- वर्तमान में गंगटोक(सिक्किम) के अनिल कुमार यादव का नाम 14 मास्टर डिग्री के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। जबकि दाधीच 40 वर्ष की आयु में ये रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे।
- राजकुमार गोयल की रिपोर्ट