धार्मिक ग्रन्थ पढने से बंदियों की सोच में आता है सकारात्मक बदलाव- सीताराम गुप्ता
- समृद्व भारत अभियान ने डीग जेल को भेंट की 351 पुस्तक - जरूरमन्द कैदियों को बांटी गर्म जैकेट
डीग ,राजस्थान (नीरज जैन )
डीग -1 जनवरी समृद्व भारत अभियान के निदेशक सीताराम गुप्ता ने कैदियों को अपराध भरे जीवन से मुक्ति, अपराध की रोकथाम तथा सर्दी से बचाव के लिए सोमवार को डीग जिला मुख्यालय स्थित उपकारागृह को सन्त, शहीद, महापुरूषो के जीवन पर लिखी पुस्तक एवं सर्वधर्म का धार्मिक ग्रन्थ आदि भेंट किए और जरूरतमन्द कैदियों को जैकेट व फल वितरण कर नववर्ष-2024 मनाया। उक्त कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि जविविनिगम के सेवानिवृत अधीक्षण अभियन्ता हेमराज गोयल व सेवानिवृत अधिशाषी अभियन्ता सुनील बंसल रहे, अध्यक्षता उपकारागृह के प्रभारी रविन्द्र उपाध्याय ने की।
मुख्य अतिथि निदेशक गुप्ता ने कहा कि धार्मिक व साहित्य की पुस्तके पढने से मानसिक विकास होता है और ये मानव को सभ्य बनाने में सहायक होती है। धार्मिक ग्रन्थ पढने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होने कहा कि अपराध भरा जीवन त्यागने के लिए सन्त, महापुरूष, शहीद, राजा-महाराजा, साहित्यकार आदि की जीवनी पर लिखी पुस्तके और सर्वधर्म के धार्मिक ग्रन्थ अवश्य पडे, इन्हे पढने से अपराधी को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और अपराध भरे जीवन से छुटकारा भी प्राप्त होता है। उन्होने कहा कि अपराधी भूतकाल में किए अपराध को भूल जाए और सजा पर ध्यान नही दे, केवल भविष्यकाल की चिन्ता करते हुए देश, समाज व परिवार की सेवा करे। हेमराज गोयल ने कहा कि ज्ञान की पुस्तके पढने से बडा से बडा अपराधी अपना जीवन सुधार सकता है। सुनील बंसल ने कहा कि इच्छाएं कम करने से समस्याए कम होती है और अपराध भी कम होते है। प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक व गैर धार्मिक पुस्तके पढनी चाहिए। समृद्व भारत अभियान के प्रदेश प्रभारी पुनीत गुप्ता ने बताया कि उप जेल डीग को करीब 251 धार्मिक पुस्तके भेंट की गई और जरूरमन्द कैदियों को गर्म जैकेट उपलब्ध कराई गई है। इस अवसर पर सीडीपीओ कुम्हेर महेन्द्र अवस्थी, नरेन्द्र कुमार गुप्ता, विष्णु मित्तल, सुरेश चन्द गुप्ता, जतन कसाना, तेजीराम, साहब सिंह, अनिल कुमार आदि मौजूद रहे। संचालन महेन्द्र अवस्थी ने किया।
- कैदियों के झलक आई खुशियां
उपकारागृह डीग के कैदियों को जब गर्म जैकेट प्राप्त हुई, तो वे ख़ुशी से झूम उठे जेलर रविंद्र उपाध्याय ने बताया कि डीग उप जेल में कुल 151 कैदी है, जिनमें से कई कैदी ऐसे है, जो कमजोर परिवार के सदस्य है। जरूरमन्द कैदियों को पहली बार सर्दी से बचाव को जैकेट उपलब्ध कराई गई है।