शिक्षा विभाग ने चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) पर रोक लगाई
जिनकी पूर्व में सीसीएल स्वीकृत उन्हें भी सीसीएल निरस्त करवाकर स्कूलों में लौटने के आदेश जारी किये
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आदेश निकालकर शिक्षिकाओं की उम्मीदों पर पानी फेरा
बीकानेर, (राजस्थान)। यह पहला मौका है जब चाइल्ड केयर लीव (सी.सी.एल.) पर किसी तरह की रोक लगाई गई है। गौरतलब है कि इस समय कई शिक्षिकाओं के बच्चों की भी परीक्षाएं चल रही है और मौसम परिवर्तन के चलते बच्चे बीमार हो रहे हैं। ऐसे में शिक्षिकाओं को सी.सी.एल. की जरूरत पड़ती है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आदेश निकालकर शिक्षिकाओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। परीक्षाओं का सीजन चलने के कारण सरकारी स्कूलों में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं तथा अन्य कार्मिकों के चाइल्ड केयर लीव (सी.सी.एल.) पर रोक लगा दी गई है। यह पहला मौका है जब चाइल्ड केयर लीव पर किसी तरह की रोक लगाई गई है।
इसके अलावा जिन शिक्षिकाओं ने पूर्व में सी.सी. एल. स्वीकृत करवा रखी है, उन्हें भी सी.सी.एल. निरस्त करवा कर स्कूलों में लौटने के आदेश दिए गए हैं। पूर्व में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान महिला कर्मियों की परेशानी को देखते हुए बच्चे के 18 साल तक आयु पूरी नहीं होने तक दो साल का सी.सी.एल. लेने की स्वीकृति जारी की गई थी। विभाग के उच्च अधिकारियों ने वीसी के जरिये
अधिकारियों को इस समय किसी की भी सी.सी.एल. स्वीकृत नहीं करने के निर्देश दिए हैं। कहा था कि अगर कोई शिक्षिका तथा अन्य महिला कार्मिक ने पूर्व में सी.सी.एल. स्वीकृत करवा रखी है, तो उनकी सी.सी.एल. को निरस्त कर स्कूल बुलाया जाए। महिला कार्मिकों का संकट यह है कि इनमें से कइयों के बच्चों की उम्र अगले सत्र तक 18 वर्ष पार हो जाएगी। ऐसे में उन्हें सी.सी. एल. का लाभ तकनीकी आधार पर नहीं मिल पाएगा। इस समय बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है। यह परीक्षाएं 4 अप्रेल को समाप्त होंगी। इसके बाद स्कूलों में छोटी कक्षाओं की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी और 16 मई से ग्रीष्मावकाश शुरू हो जाएगा। इसे देखते हुए अब आगामी शिक्षा सत्र में ही सी.सी.एल. स्वीकृत होने की उम्मीद है।