भारत की राजधानी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन की ऐतिहासिक शुरुआत हो चुकी है। जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर कई ताकतवर देशों के नेता दिल्ली में इस समिट में हिस्सा ले रहे है। भारत मंडपम में हो रहे इस सम्मेलन में नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हो रही है। चीन की तरफ से इस सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हिस्सा नहीं लिया है। प्रधानमंत्री ली क्यांग जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे है।
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का फोकस जी20 को जी21 बनाने पर है। इस बयान के बाद संभावना जताई जा रही है कि अफ्रीकन देश के ग्रुप को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफ्रीकी देश को भी ग्रुप में आधिकारिक तौर पर शामिल करने पर बात करेंगे। अगर अफ्रीकन देशों को भी इस में जगह मिलती है तो जी20 का नाम बदलकर जी21 हो जाएगा क्योंकि इसमें 20 की जगह 21 देश हो जाएंगे।
इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबके साथ की भावना से ही भारत ने ये प्रस्ताव सभी के समक्ष रखा था, जिसमें कहा गया था कि अफ्रीकन यूनियन को भी जी20 की स्थायी सदस्यका मिलनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोदी ने विश्व नेताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि मुझे भरोसा है कि इस प्रस्ताव पर हम सभी की सहमति है। सभी की सहमति से कार्यवाही शुरू होने से अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता के लिए आमंत्रित करते हैं।
मोदी के प्रस्ताव को सभी ने स्वीकारा
अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रस्ताव इस प्रभावशाली समूह के सभी सदस्य देशों ने शनिवार को स्वीकार कर लिया। इसी के साथ ग्लोबल साउथ का यह प्रमुख समूह दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष अजाली असौमानी को जी20 मंच की मेज पर उनकी सीट तक ले गए।