महाशिवरात्रि पर्व विशेष: जाने शुभ मुहूर्त
महाशिरात्रि का पर्व देश भर में उत्साह से मनाया जाएगा। इस दिन शिव मंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की जाएगी। रामानंद ज्योतिष दिग्दर्शन केंद्र के अधीक्षक आचार्य कमल शास्त्री ने बताया कि सूर्योदय के समय श्रवण नक्षत्र रहेगा, शुभ मुहूर्त शाम 9.30 से प्रारंभ होकर 9 मार्च शनिवार 6.17 तक रहेगा। प्रदोष काल में मुहूर्त पूजा शाम को 6.41 से 12.52 तक। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूजा सदैव प्रदोष निशिथ काल में करना चाहिए।
इस दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर करने का विशेष फल होता है। प्रथम सायं 6.18 से रात्रि 9.28 तक। द्वितीय 9.29 से मध्य रात्रि 12.34 तक। तृतीय प्रहर 12.40 से प्रात: 3.50 तक। चतुर्थ प्रहर 3.51 से प्रात: 7.10 तक। निशिथ काल मध्य रात्रि 12.15 से 1.06 तक। शुक्रवार व शनिवार की महाशिवरात्रि का अत्यधिक ज्योतिष से महत्व है। इस पर्व पर चंद्र और शनि, कुंभ राशि मंगल मकर की उच्च राशि में होंगे। बुध मीन व सूर्य कुंभ राशि में र होंगे। गुरु ग्रह से मेष राशि में गोचर कर रहे हैं। शुक्र ग्रह शनि की कुंभ राशि में होंगे। ग्रहों की पुर्नवृत्ति होने के साथ ही स्वार्थ सिद्ध योग भी बन रहा है
आचार्य कमल शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर आप सभी अपने मनोकामनाएं हेतु रुद्र अभिषेक अवश्य करवायें। शिव पुराण में महाशिवरात्रि का महत्व सिद्ध करते हुए कहा गया है कि जो प्राणी इस दिन निराहार और जितेंद्रय होकर शिव की उपासना करता है। वह वर्ष भर के उपवासों से कई गुना पुण्य की प्राप्ति करता है। शिव पुराण के मुताबिक शिव को अर्पित किए जाने वाले द्रव्यों के शुभ फल भी अलग-अलग होता है। शिवलिंग पर जलधारा अर्पित करने से सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है। वंश विस्तार के लिए शिवलिंग पर उनके सहस्त्रनाम मंत्रों से घी की धारा चढ़ानी चाहिए। विवाह की इच्छा रखने वालों को जल, दूध बेलपत्र, गंगाजल, शमी पत्र, नारियल पानी, भांग, खोए की मिठाई और गुलाबी गुलाल से अभिषेक करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।