बागेश्वर सरकार को ऊंट की सवारी करवा प्रेमसिंह राव ने भीनमाल में दिया वचन निभाया
जालोर जिले के भीनमाल कस्बे में विगत दिनों प्राचीन नीलकंठ महादेव मंदिर के जीर्णोद्वार की प्रथम वर्षगांठ पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने आयोजक प्रेमसिंह राव के समक्ष रेगिस्तान के जहाज ऊंट की सवारी करने की इच्छा जताई थी। जिसे राव ने अपने वादे के मुताबिक समय से पहले ऊंट को बागेश्वर धाम पहुंचा स्वयं सारथी बन उन्हें ऊंट की सवारी करवा अपना वचन निभाया।
गौरतलब है कि भीनमाल स्थित करीब 1400 वर्ष पुराने चमत्कारिक नीलकंठ महादेव मंदिर का समाजसेवी मुफतसिंह राव परिवार ने जीर्णोद्वार करवा भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित करवाया था। इस प्रतिष्ठा महोत्सव के देश भर से आए सैकड़ों की संख्या में पीठाधिश्वर, महंत, साधु संंत सहित कई राजनेता साक्षी बने थे। इस प्रतिष्ठा महोत्सव की प्रथम वर्षगांठ पर प्रेमसिंह राव परिवार की ओर से तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया था। इस महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय कवि एवं अपने अपने राम के माध्यम से भगवान श्रीराम के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का भागीरथी कार्य कर रहे कुमार विश्वास ने तीन दिन तक जनमानस से राम चर्चा की थी। इसी कार्यक्रम में शिरकत करने आए बागेश्वर धाम के पीठाधिश्वर आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज जब प्रवचन कर रहे थे, उस समय उन्होंने प्रेमसिंह के समक्ष यह इच्छा जाहिर की थी कि उनकी इच्छा है कि वे एक बार रेगिस्तान के जहाज ऊँट की सवारी करें। जिस पर सनातन प्रेमी प्रेमसिंह राव ने बाबा बागेश्वर को यह वचन दिया था कि 20 फरवरी तक वे ऊंट बागेश्वर धाम पहुंचा उन्हें ऊंट की सवारी करवाएंगे। राव ने अपने वचन के मुताबिक 18 फरवरी को ही ऊंट बागेश्वर धाम पहुंचा दिया।
बाबा ने की ऊंट की सवारी.. प्रेमसिंह बने सारथी..
सिरोही-जालोर लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश करने वाले समाजसेवी प्रेमसिंह राव स्वयं अपने वादे के मुताबिक समय से पहले ऊंट को लेकर बागेश्वर धाम पहुंच गए। बागेश्वर सरकार ने शुक्रवार को सुसज्जित एवं विभिन्न आभूषणों से श्रृंगारित इस ऊंट की सवारी कर धाम क्षेत्र में भ्रमण किया। इस दौरान प्रेमसिंह राव देवासी समाज के युवा की वेशभूषा में उनके सारथी बने दिखाई दिए। गौरतलब है कि प्रेम सिंह राव थारपारकर संरक्षण एवं संवर्धन केंद्र के संरक्षक है और पशु प्रेमी भी है।विश्व पर्यावरण संरक्षण मिशन के प्रदेश कार्यक्रम प्रमुख गोपाल सिंह राव के अनुसार प्रेमसिंह राव भीनमाल पशुओं के उत्थान एवं संरक्षण के लिए विभिन्न कार्य करते रहते है। गोसेवा एवं संरक्षण के लिए उन्हें राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है।
भीनमाल जाते समय देखा था ऊंटों का झुंड
ज्ञातव्य है कि नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज जब सिरोही से भीनमाल जा रहे थे। उस समय भी उनके सारथी के रूप में प्रेमसिंह राव वाहन चला रहे थे। इस दौरान रास्ते में बाबा बागेश्वर ने देवासी समाज के एक युवक को ऊंटों का झुंड ले जाते हुए देखा तो बाबा ने प्रेमसिंह राव से कहा कि हमारे पास हाथी है, घोड़े है,लेकिन राजस्थानी का जहाज कहलाने वाला ऊंट नहीं है, उन्होंने निशानी के रूप में प्रेमसिंह राव से ऊंट की सवारी की इच्छा जताई थी। यहीं बात उन्होंने सभा के दौरान भी दोहराई थी। बहरहाल, बाबा बागेश्वर को ऊंट की सवारी करते देख वहां भक्तों का भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। बाबा बागेश्वर ने भी ऊंट पर बैठे बैठे सभी का अभिवादन स्वीकार कर आशीर्वाद दिया।
- रमेश सुथार