महिला सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता:कानून व्यवस्था की हो रही पुर्नस्थापना- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
जयपुर ,राजस्थान
जयपुर - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने का काम राज्य सरकार कर रही है। राजस्थान को 2047 तक विकसित राज्य बनाना हमारा ध्येय है। प्रधानमंत्री जी के अनुसार देश में गरीब, महिला, युवा एवं किसान, ये चार ही जातियां हैं। राज्य सरकार विपक्ष को साथ लेकर इनके उत्थान के लिए कार्य करने हेतु प्रतिबद्ध है। इनके कल्याण के लिए एकजुट होकर काम करने से ही सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र कारगर होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की उन्नति एवं विकास के लिए कार्य करने हेतु सभी का सहयोग अपेक्षित है। राज्य सरकार विपक्ष के सभी उपयोगी सुझावों एवं समीक्षाओं का स्वागत करेगी।
महिला सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता—
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की धरती मीराबाई, कालीबाई, पन्नाधाय, अमृता देवी जैसी वीर एवं भक्त नारियों की धरती है। ऐसे प्रदेश को महिला अत्याचार में प्रथम स्थान पर आने से शर्मसार होना पड़ा। बलात्कार और हत्या के दिल दहलाने वाले कृत्य राजस्थान के विभिन्न जिलों में हुए। वृहद् स्तर पर वंचित तबके की महिलाओं के विरूद्ध वीभत्स अपराधों एवं उत्पीड़न के मामले सामने आए। पूर्ववर्ती सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा महिला सुरक्षा पर आपत्तिजनक बयान दिए गए। उस समय का शीर्ष नेतृत्व इस संबंध में मौन रहा। इसके विरूद्ध आवाज उठाने वाले मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के लिए महिलाओं की सुरक्षा मुख्य प्राथमिकता है। केन्द्र सरकार ने नारी शक्ति वन्दन अधिनियम पारित कर राजनीति में महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का कार्य किया है। प्रदेश सरकार महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इस दिशा में प्रदेशभर में एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन करने की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
कानून व्यवस्था की हो रही पुर्नस्थापना—
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में अपराधियों का बोलबाला रहा तथा कानून व्यवस्था शून्य रही। करौली सहित विभिन्न स्थानों पर धार्मिक जुलूसों पर हमला, उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या जैसे जघन्य अपराधों से प्रदेश की छवि धूमिल हुई है। पूर्ववर्ती सरकार की तुष्टीकरण की नीति ही इसके लिए दोषी है। शांतिप्रिय राज्य में कानून व्यवस्था दुरुस्त कर अपराध मुक्त राजस्थान बनाना हमारा ध्येय है। गत सरकार की लचर नीतियों से राज्य में पनपे गैंगस्टर व विभिन्न माफियाओं के उन्मूलन हेतु नई सरकार बनते ही एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया गया। खनन माफिया के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। गत वर्षों में अपराध एवं राजनीति की साठगांठ के कारण पुलिस विवश रही। इसी कारण पुलिस पर हमले करने का दुस्साहस भी किया गया। हमारी सरकार की नीतियों से राज्य में कानून व्यवस्था की पुनर्स्थापना हो रही है। स्थानीय हार्डकोर अपराधियों के साथ-साथ पड़ोस के राज्यों से आए अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जेल के अन्दर से गैंग चलाने की प्रवृति पर लगाम लगाई जा रही है।
श्री राम आस्था के साथ आर्थिक प्रगति के भी प्रतीक—
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमारे संविधान के तीसरे अध्याय में भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता का सुन्दर चित्रण है। कई सदियों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद 22 जनवरी को श्रीराम मन्दिर में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम जनमानस को संतुष्टी देने वाला था। उन्होंने कहा कि विपक्ष को इसे राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। श्रीराम एवं रामसेतु को काल्पनिक कहने वालों को जनता नकार चुकी है। भगवान श्रीराम देश की जनता की आस्था के साथ-साथ आर्थिक प्रगति के भी प्रतीक हैं।