गोविंदगढ़ में शिक्षा विभाग की भूमि पर नगरपालिका ने बिना अनुमति के बना दिया भवन: विधायक साफिया जुबेर खान ने किया था उद्घाटन
गोविंदगढ़ कस्बे में लाखों रुपए की लागत से बने भवन में एक भी दिन संचालित नहीं हुई ग्राम पंचायत: सरकार के लाखों रुपए का किया नुकसान, वहां भी राजकीय महाविद्यालय की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाया था भवन, तब विधायक साफिया जुबेर खान थी जिला प्रमुख और सरपंच थी कांग्रेस की बंता शर्मा, गोविंदगढ़ क्षेत्र में हमेशा रही राजनीति हावी - राजनीतिक लोगों की चाटुकारिता में यहां के नेता कस्बे का विकास भूले- अब कस्बे में सरकारी भूमि के नाम पर नजर नहीं आती कहीं भी भूमि- कार्यालय खोलने के लिए भामाशाहों की मांगी जा रही मदद- सरकारी भूमि रिकॉर्ड में नजर आती है धरातल पर हुई गायब
गोविंदगढ़ (अलवर/ अमित खेड़ापति)
गोविंदगढ़ कस्बे में कांग्रेस सरकार की घोषणा के बाद नगरपालिका अस्तित्व में आई जिस पर ग्राम पंचायत से नगरपालिका का निर्माण हुआ लेकिन नगरपालिका का भवन भारत निर्माण राजीव गांधी केंद्र के भवन के बजाय गांधीपार्क स्थित भवन में बना दिया गया जबकि यह भवन शिक्षा विभाग के अधीन आता है जहां शिक्षा विभाग की अनुमति लिए बिना ही निर्माण कर दिया गया । जबकि सरकार के द्वारा जारी की गई राशि से भारत निर्माण राजीव गांधी केंद्र का पूर्व में ही निर्माण हो चुका था भवन तैयार था फिर इस प्रकार यहां पर भवन क्यों बनाया गया।
विधि का विधान देखिए भारत निर्माण राजीव गांधी केंद्र का निर्माण भी विधायक साफिया जुबेर खान जब अलवर की जिला प्रमुख थी तब किया गया था और उसका उद्घाटन भी उन्हीं के द्वारा किया गया था सरपंच कांग्रेस की नेता बंता शर्मा थी। इस भवन के निर्माण में लाखों रुपए की लागत आई लेकिन भवन के अंदर एक भी दिन ग्राम पंचायत का संचालन नहीं किया गया विगत वर्षों में आमजन की जुबान पर यही बात उठती रही लोगों ने उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की भवन बना है तो वहां पर ग्राम पंचायत संचालित क्यों नहीं होती लेकिन वर्ष बीत गए सरपंच बदल गए ग्राम पंचायत नगर पालिका में बदल गई लेकिन वहां पर ग्राम पंचायत आज तक संचालित नहीं हुई।
इस भवन का उद्घाटन विधायक साफिया जुबेर खान के द्वारा किया गया था लेकिन उन्होंने यह पूछना उचित नहीं समझा कि जहां पर यह भवन का निर्माण किया गया है यह भूमि किसके अधीन है इस भूमि की मांग बालिका सीनियर सेकंडरी विद्यालय की प्रिंसिपल के द्वारा लगातार की जाती रही है क्योंकि बालिका विद्यालय का भवन वहां की छात्रोंओ की संख्या के अनुरूप छोटा पड़ रहा है और यहां पर बालिका सीनियर सेकंडरी विद्यालय को चलाने की अनुमति मांगी जा रही है लेकिन यहां पर हटधर्मिता के कारण बच्चों के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं जहां पर सरकार बच्चों की शिक्षा पर बल दे रही है वहीं यहां पर बालिका शिक्षा किस प्रकार मिल पाए इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं अध्यापक अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन यहां पर अवसरवादीता के कारण बच्चों की शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ता हुआ नजर आ रहा है
इसे कहेंगे गोविंदगढ़ कस्बे का विकास जहां शिक्षा विभाग की भूमि पर अवैध रूप से सरकारी धन से कब्जा कर भवन बना दिया जाता है वहीं शिक्षा विभाग के भवन जिन कमरों में संचालित है वह खंडहर हालत में है वहां पानी टपकता है बारिश के दिनों में भवन के अंदर पानी भर जाता है लेकिन जो मालिक है वह परेशान है और कब्जाधारी आराम से वहां पर कुर्सी लगाकर कार्य कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग से जानकारी करने पर प्राप्त हुआ कि जब शिक्षा विभाग के द्वारा नगरपालिका से संबंधित भूमिका पट्टा लिए जाने की बात कही गई तो नगर पालिका प्रशासन ने वहां का पट्टा अभी तक जारी नहीं किया है हैरत की बात तो यह है कि जितनी भी सरकारी विद्यालय क्षेत्र में चल रहे हैं वहां पर पट्टा सरकार की आदेशों के बाद लिए जाने की बात सामने आई है लेकिन यहां पर पूर्व में जब सरकारी विद्यालय संचालित रहे हैं और यह भूमि सरकारी विद्यालय के अधीन आती है तो नगरपालिका के द्वारा यहां पर पट्टा उन्हें क्यों नहीं दिया गया।
गांधी पार्क क्षेत्र में पंचायत समिति भवन भी संचालित है जिसकी अनुमति शिक्षा विभाग के द्वारा उन्होंने ली है और उसका पत्र भी जारी है लेकिन शिक्षा विभाग के द्वारा नगरपालिका को जारी किए गए नोटिसों का भी जवाब आज तक नगरपालिका प्रशासन ने शिक्षा विभाग को नहीं दिया है हालत यह है कि यहां पर यह कहना गलत नहीं होगा कि दीए तले अंधेरा है।