लोकसभा घुसपैठ केस के आरोपी की लोकेशन राजस्थान में, आधी रात दीवार फांदकर मकान में घुसी दिल्ली पुलिस
कोटपूतली-बहरोड़ (राजस्थान/ इशाक खान) संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर लोकसभा में घुसपैठ करने वाले आरोपियों और उनके साथियों को पुलिस ने दबोच लिया है। एक आरोपी फरार है, जिसे इस वारदात का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। इसी आरोपी ललित झा की आखिरी लोकेशन पुलिस को राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के नीमराना के गंडाला गांव में मिली है। बुधवार 13 दिसंबर की रात करीब 12:30 बजे दिल्ली पुलिस राजस्थान पहुंची। ललित झा की तलाश में गंडाला गांव में छापेमारी की गई। पुलिस ने गांव के बस स्टैंड के पास लोगों से पूछताछ की। साथ ही गाड़ियों को रोक रोककर तलाशी भी ली गई।
दरवाजा खटखटाया, मोबाइल मांगा, दो घंटे रुकी पुलिसः
गांव के युवक ने बताया- पुलिस के 4-5 जवान थे। हमारे BSNL टावर के पास आए। उन्होंने मेरे घर का दरवाजा खटखटाया। पुलिस वालों ने मुझसे कहा कि BSNL की सिम हो तो दीजिए। हम एक आदमी की लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं। यह आदमी संसद भवन में हुई घटना में शामिल है। हमने पुलिस की मदद भी की। मोबाइल भी दिया। मेरे मोबाइल की मदद से वे 300 मीटर दूर सुभाष यादव के घर तक पहुंचे। दो घंटे तक पुलिस वहां रही। हालांकि जिस आदमी की तलाश में पुलिस आई थी, वो नहीं मिला। यहां रहने वाले सुभाष यादव ने बताया- हमारे पुराने मकान में एक बंगाली परिवार करीब 10 साल से किराए पर रह रहा है। रात को पुलिस आई और पुराने मकान की दीवार कूदकर अंदर घुसी। इसके बाद किराए पर रह रहे प्रदीप से बातचीत की। फिर मेरे पास आए और पूछताछ की। रास्ते में भी 3-4 लोगों से पूछताछ की। सुभाष के मकान में किराए पर रह ह रहे प्रदीप ने ने कहा- पुलिस ने ललित की फोटो को दिखाकर पूछा कि इसको जानते हो क्या? मैंने मना कर दिया। फिर मुझसे मेरा मोबाइल मांगा। मैंने मोबाइल दे दिया। इसके बाद मुझे साथ ले गए। मैं मकान मालिक के पास इन्हें ले गया। दो गाड़ियों में पुलिस के जवान आए थे। पुलिस को यहां से कुछ नहीं मिला। इसके बाद वे लौट गए। नीमराना एएसपी जगराम मीणा ने कहा- संसद में हुए घटनाक्रम के मामले में दिल्ली से एक जांच एजेंसी की टीम के गंडाला गांव में आने की सूचना मिली है। लोगों से पूछताछ की गई है। जांच टीम ने हमसे संपर्क नहीं किया। नीमराना डीएसपी अमीर हसन ने भी बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया।
13 दिसंबर को घुसे संसद में
संसद पर आतंकी हमले के 22 साल बाद एक बार फिर 13 दिसंबर को सुरक्षा में सेंध लगी थी। लोकसभा में दो युवक विजिटर गैलरी से कूद गए थे और पीले रंग का धुआं उड़ाने लगे थे। सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दोनों युवकों में से एक को सांसदों ने पीटा, फिर दोनों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। अभी तक की जांच में इस सिक्योरिटी ब्रेक के 6 किरदार सामने आए है।
दो ने सदन के अंदर हंगामा किया, दो ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। इनमें सागर शर्मा (26), मनोरंजन डी (34), अमोल शिंदे (25) और नीलम (42) शामिल हैं। इन चारों के अलावा दो और लोग प्लानिंग में शामिल थे। इनमें से एक ने सभी को अपने घर में ठहराया था। उसे पुलिस ने पत्नी समेत हिरासत में ले लिया है। हालाकि पत्नी इन छह आरोपियों में शामिल नहीं है। ललित झा नामक एक आरोपी अभी फरार है।
संसद कांड का मास्टरमाइंड है ललित झा ! सभी को किया इक्कट्ठा, तारीख भी तय की
संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में जांच लगातार जारी है। अभी तक की जांच में ललित झा को इस कांड का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। संसद अटैक मामले में अब क चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जबकि पांचवें आरोपी को हिरासत में लिया गया है। वहीं इस कांड के छठे आरोपी ललित झा अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
इस हमले के पीछे और क्या कहानी हो सकती है, इसका खुलासा झा के गिरफ्तारी के बाद होगा। पूछताछ में खुलासा हुआ ललित झा के कहने पर ही 13 दिसंबर की तारीख तय हुई थी। सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए चारों आरोपियों का एक ही सूत्रधार ललित झा था। ललित ने ही सभी आरोपियों को गुरुग्राम में मीटिंग के लिए बुलाया था। ललित झा ने ही कलर अटैक का वीडियो मोबाइल में शूट कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था।
ललित झा की लास्ट लोकेशन नीमराना के पास
घटना को अंजाम देने से पहले ललित ने ही चारों आरोपियों के फोन अपने कब्जे में लिए और फरार हो गया। पुलिस को शक है कि मोबाइल में साजिश से जुड़े कई सबूत हो सकते हैं, जिन्हें ललित झा मिटाने की कोशिश कर सकता है। ललित झा की लास्ट लोकेशन नीमराना के पास आई है। उसकी तलाश में कई टीमें लगी हुई हैं और रेड कर रही हैं।
इस एनजीओं में ललित झा जनरल सेक्रेटरी
पश्चिम बंगाल में ललित झा से जुड़ा जुड़ा एक एनजीओं (साम्यवादी सुभाष सभा) है। उसकी भी पड़ताल शुरू हो गई है। एनजीओ की फडिंग की भी जांच होगी। इस एनजीओं में ललित झा जनरल सेक् टरी है। बता दें कि इस घटना से एक बार फिर संसद की सुरक्षा में चूक का मामला गरमा गया है। साथ ही साथ इस घटना ने 22 साल पुराने जख्मों को भी जिंदा कर दिया। 13 दिसंबर के दिन ही 2001 में संसद में आतंकी हमला हुआ था।