अपने मित्र का विपरीत परिस्थितियों में साथ निभाना ही मित्रता का सच्चा धर्म है - पाराशर
भक्तों ने ठाकुर जी के साथ ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर भागवत कथा के दौरान खेली गई लड्डू व गुलाल की होली
डीग (नीरज जैन) शहर के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कृष्ण सुदामा चरित्र की कथा का रसपान कराते हुए भागवताचार्य पंडित मुरारी लाल पाराशर ने कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ पूरा नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ सिद्ध हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है।
पाराशर ने कहा कि एक व्यक्ति अपने गुरु के मार्गदर्शन में ही मोक्ष प्राप्त कर सकता है। केवल एक शिक्षक या गुरु ही सत्य और मोक्ष का मार्ग दिखा सकता है और उनके बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता है।पाराशर ने कहा कि संतों के बारे में बताते हुए कहा कि संत कृपा से ही भगवान के साक्षात दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। जिस को संतों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है उन्हें भगवान की प्राप्ति हुई है। भागवत कथा के दौरान भक्तो के साथ लड्डू और गुलाल होली खेली गई।जहां भक्तों ने ठाकुर जी के गुलाल लगाते हुए होली खेली और एक दूसरे के भी गुलाल लगाकर होली खेली गई। इस मौके पर पूर्व जिला न्यायाधीश भगवान दास अग्रवाल,,राधे श्याम अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे।