पाप रूपी होलिका में प्रेम रूपी प्रहलाद को बचाए रखने का पर्व है--हरि चैतन्यपुरी
श्री लोहागढ़ साहित्य एवं समाज सेवा समिति का होली मिलन समारोह होली मिलन समारोह आयोजित
डीग (नीरज जैन) होली परमात्मा में आस्था रखते हुए कर्तव्य पथ पर बढ़ने का संदेश देती है। प्रेम,प्यार,भाई चारे का संदेश देती है। सतयुग, द्वापर, त्रेता से चली आ रही होली से जग सरल पावन प्रेम पूर्ण बना रहा है। आज भी होली की प्रासंगिकता है होली पाप रूपी होलिका से प्रेम रूपी प्रहलाद को बचाए रखने का पर्व है। प्रेम के दिव्य स्वरूप का नाम होली है। यह बात शहर के मेला ग्राउंड स्थित एक मैरिज होम में श्री लोहागढ़ साहित्य एवं समाज सेवा समिति की ओर से आयोजित होली मिलन समारोह एवं कविगोष्ठी में बोलते हुए ब्रज के प्रसिद्ध संत हरि चैतन्यपुरी महाराज ने अपने उद्बोधन में कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य रूपनसिंह थे।अध्यक्षता हुकम सिंह ने की तथा विशिष्ट अतिथि दौलत राम स्वर्णकार एवं चंद्रभान शर्मा थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मां शारदे की पूजा अर्चना एवं चंद्रभान शर्मा चंचल अऊ की सरस्वती वंदना के साथ हुई।महामंत्री उमेश पाराशर द्वारा संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया गया। इसके बाद धर्मेश चाहर, महेश माधव, चंद्रभान शर्मा चंचल, श्याम सिंह जघीना एवं संस्था के अध्यक्ष चंद्रभान चंद्र ने अपनी होलीमय रचनाओं से माहौल को हास्यमय बना दिया।सभी अतिथियों का पटका पहनाकर सम्मान करते हुए पुष्प वर्षा कर एवं चंदन लगाकर होली मिलन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर मित्र भारत समाज संस्थान के अध्यक्ष कुलदीप कटारा, मदनलाल बेनीवाल, कैप्टन कल्लू सिंह , मुकेश राजपूत,महेश चंद गुप्ता, सुखराम ,ताराचंद शर्मा, आदि लोग उपस्थित थे।