अदालतों में बढ़े संपत्ति संबंधी मुकदमे: जाने वसीयतनामा संबंधी प्रावधान - पूर्व तहसीलदार
अदालतों में संपत्ति संबंधी अनेक मुकदमे चल रहे हैं जिनमें वसीयत संबंधी भी बड़ी संख्या में होते हैं वसीयत या वसीयतनामा संबंधी कुछ कानूनी प्रावधान इस प्रकार हैं-
- 1.विल या वसीयतनामा वसीयतकर्ता की संपत्ति के बारे में इस आशय की घोषणा है जिसे वह अपनी मृत्यु के पश्चात कार्यान्वित करने की इच्छा करता है अर्थात वसीयत मृत्यु के बाद में लागू होती है।
- 2.प्रत्येक स्वस्थचित्त व्यक्ति जो अवयस्क नहीं है विल द्वारा अपनी संपत्ति का निपटारा कर सकता है।
- 3.वसीयत हिंदू या मुस्लिम दोनों अपने-अपने व्यक्तिगत कानून के अनुसार कर सकते हैं किंतु स्वस्थचित्त होना चाहिए।
- 4.वसीयत धोखे या दबाव से प्राप्त की गई है तो वह शून्य होगी।
- 5.विल बच्चों और वारिसों ,अजन्मे व्यक्ति, धार्मिक संस्थाओं के पक्ष में की जा सकती है।
- 6.विल या वसीयतनामा रजिस्टर्ड होना आवश्यक नहीं है बिना रजिस्टर्ड भी वसीयतनामा लिखा जा सकता है।
- 7.वसीयतनामा चाहे पंजीकृत हो या अपंजीकृत उसकी वैधता की जांच होने के बाद ही लागू होता है, भूमि संबंधी नामांतरकरण के लिए तहसीलदार के यहां वसीयतनामा में अंकित दो गवाहों के बयान इस आशय के प्राप्त करने होंगे कि उनके सामने वसीयतकर्ता ने हस्ताक्षर किये व वसीयत को स्वीकार किया था।
- 8.अनुसूचित जाति का व्यक्ति अनुसूचित जाति को व अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को ही वसीयत कर सकता है।