डिग्रियों के मास्टर योगेश को मानद विद्या वाचस्पति
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) 17 विषयों में पीजी (अधिस्नातक) और विश्वविद्यालय परीक्षाओं में दस हजार से अधिक अंक प्राप्त करके विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले, विश्वविद्यालय की मेरिट में दो बार टॉपर सहित पाँच बार मेरिट में नाम दर्ज करवाने वाले मास्टर ऑफ मास्टर्स के नाम से प्रसिद्ध योगेश दाधीच को शिक्षा और साहित्य में उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए मानद विद्या वाचस्पति की उपाधि प्रदान की गई है। भागलपुर(बिहार) स्थित विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ ने डॉ. योगेश दाधीच "योगसा" को उनकी सुदीर्घ हिन्दी सेवा, सारस्वत साधना, कला और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों, शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्य तथा राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विद्यापीठ की अकादमिक परिषद की अनुशंसा पर कुलाधिपति डॉ सुमनभाई "मानस भूषण", कुलपति डॉ तेजनारायण कुशवाह तथा कुलसचिव डॉ देवेन्द्रनाथ शाह द्वारा अनुमोदित विद्या वाचस्पति उपाधि प्रदान की गई।
युगीन साहित्य प्रवाह संस्थान ने किया अभिनंदन - प्रदेश स्तरीय युगीन साहित्य प्रवाह संस्थान के संस्थापक एवं प्रदेश सचिव योगेश को मानद विद्या वाचस्पति की उपाधि मिलने पर संस्थान ने प्रदेश कार्यालय पर अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि डॉ.सुनील राय पोरवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष असिस्टेंट प्रोफेसर सूर्यप्रकाश पारीक एवं उपाचार्य रामावतार शर्मा, जिलाध्यक्ष मनीष भट्ट, डॉ.अवधेश जौहरी, एआई विशेषज्ञ प्रकाश परासर, डॉ.सुरेन्द्र लोढ़ा, कवि रामेश्वर रमेश, कृष्णगोपाल सेन, पुखराज सोनी, आदित्य जाट, सुरेन्द्र कुमार, एसआर छाबा 'नागौरी' एवं मनीष जोशी ने तिलक, पगड़ी, उपरना तथा माल्यार्पण से अभिनंदन कर बधाई दी।