मम्पस रोग के नियंत्रण के लिए चिकित्सा विभाग ने की गाइडलाइन जारी
लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) राज्य सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों व वयस्कों में होने वाले मम्पस संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है।
खंड उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रूपेंद्र शर्मा ने बताया कि संक्रमण से ग्रसित या लक्षण नजर आने पर संदिग्ध के जांच नमूने सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर भेजने और इस तरह के मामलों की नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश मिले हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ महीनों से प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में इस रोग के कई मामले सामने आए हैं। यह एक संक्रामक रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने के समय लार के माध्यम से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक आसानी से फैलता है। इसके लक्षण रोगी के संपर्क में आने के बाद 2 से 3 सप्ताह में सामने आते हैं। जो 10 से 14 दिनों तक प्रभावित करते हैं। यह रोग होने पर अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाश्य और रीढ़ की हड्डी में सूजन और असाधारण स्थितियों में बहरेपन की स्थिति भी हो सकती है। इसके मुख्य लक्षणों में गले की लार ग्रंथि में तीन दिन तक दर्द और सूजन साथ ही मांसपेशियों में दर्द, सूजन और भूख में कमी शामिल हैं। इस संक्रमण से बचाव के लिए स्वस्थ व्यक्ति को ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति से उचित दूरी बनाये रखना आवश्यक है। ऐसे लक्षण नजर आने पर तुरंत नजदीकी सरकारी चिकित्सालय में परामर्श लेना आवश्यक है।चिकित्सा विभाग की एएनएम को सूचित करे या संबंधित चिकित्सा अधिकारी से परामर्श लेवे ।समय पर सभी बच्चों का टीकाकरण करवाए ।
- कमलेश जैन