ठगी का खेल: पहले विश्वास और अब रिश्तों की हो रही साइबर ठगी, जनता को जागरूक करने वाले लोगो जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व पत्रकार तक ठगों का शिकार

पुलिस बेबस आमजनता की कड़ी मेहनत की कमाई पर साइबर क्राइमर डाल रहे डाका

Mar 1, 2023 - 00:35
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ठगी का खेल: पहले विश्वास और अब रिश्तों की हो रही साइबर ठगी, जनता को जागरूक करने वाले लोगो जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व पत्रकार तक ठगों का शिकार

अलवर (राजस्थान) ठगी का खेल साइबर अपराधी लोगों का व्यक्तिगत डेटा चुराकर ठग रहे, अधिकतर मामले पुलिस थानों में दर्ज ही नहीं होते आधुनिक युग के साथ जहां लोगों को सुविधा मिली है तो सुविधा के साथ ही अपराध का नया रास्ता भी साईबर अपराध के रुप में खुल गया है। आज साईबर अपराध इतना बढ़ चुका है कि हर व्यक्ति से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से संबंध रखने वाला उसका कोई ना कोई परिचित साईबर ठगी का शिकार हो चुका है। साइबर अपराधियों ने बैंक फ्रांड, ठगी करके जहां एक और लोगों के विश्वास को ठगा तो अब वहीं साइबर अपराधी लोगों का व्यक्तिगत डेटा चुरा कर लोगों के रिश्तों का फायदा उठा रहे है और पीडित के रिश्तेदारों को भी ठग रहे है,जो भी इनकी ठगी का शिकार होते हैं अधिकतर तो पुलिस में पहुंचते नहीं है और जो पुलिस में पहुंचकर मामला दर्ज भी करवा देते हैं उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती इन साइबर ठगों के आगे पुलिस भी बेबस नजर आ रही है।

यही नही लोगों को साइबर अपराध के लिए जागरुक करने वाले लोग जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व पत्रकार यंहा तक की पुलिस तक भी कई बार ठगी जा चुकी है, जिसके कई उदाहरण है लोक लाज के कारण बहुत से लोग तो पुलिस में मामला दर्ज नहीं करा पाते है। लगातार साइबर अपराध बढ रहे है लेकिन अधिकांशतया मामले पुलिस थानों में दर्ज ही नहीं हो पाते है क्यूं कि लोगों को पता ही नहीं है कि आखिर मामला कहा और कैसे शिकायत पर दर्ज हो। यानी की पुलिस द्वारा लोगों को जागरुक करने के लिए अभी काफी बहुत अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।

 साइबर अपराध के नए-नए तरीके - जिस तरह से दिनोदिन साइबर अपराध बढ़ता जा रहा है उसी तरह अपराध के तरीके भी बढ़ते जा रहे है,साइबर के अपराधी पहले लोगों को बैंक फ्रांड, अननोन कॉल, वैरिफिकेशन कॉल के नाम पर ठगते थे लेकिन अब तो साइबर अपराधी लोगों के वाट्स एप, फेसबुक, इंस्टा सहित विभिन्न फर्जी एप्स के माध्यम से लोगों को डाटा हैक कर लोगों के रिश्तों के साथ छलावा कर उनके रिश्तेदारों को ठग रहे है।

 केस:1 वाट्स एप हैक रिश्तेदारों से मांगे रुपए - शिक्षा विभाग थानागाजी से एसीबीईओ महेंद्र कुमार  ने बताया कि गत दिनों किसी ने उसका डाटा हैक कर लिया और एक अन्य वाट्स एप नम्बर पर उसकी फोटो लगाकर उसकी कांस्टेक्ट लिस्ट में नम्बरों से वाट्स एप पर मदद के नाम पर रुपए मांगने शुरु कर दिए थे,लेकिन जब तक अपने परिचित रिस्तेदारो को इस ठगी को लेकर आगाह करते किसी से 20 तो किसी से 10 मैसेज भेज उक्त ठग ने परिचित रिस्तेदारो को मैसेज कर 80 हजार ठग लिए,पता चलने पर अपने अधिकांश परिचितों को इसकी जानकारी दी और अन्य परिचितों रिश्तेदारों को बचाया और पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया लेकिन कुछ नही हुआ।

 केस: 2 - स्थानीय पत्रकार किशोरी से राकेश शर्मा को ने बताया कि बीते दिन शनिवार 25 फरवरी को ही किसी ने उसका डाटा हैक कर लिया और एक अन्य वाट्स एप नम्बर पर उसकी फोटो लगाकर उसकी कांस्टेक्ट लिस्ट में नम्बरों से वाट्स एप पर मदद के नाम पर रुपए मांगने शुरु कर दिए थे। गनीमत रही ही वक्त रहते पता चलने से उसने अपने अधिकांश परिचितों को इसकी जानकारी दी और रिश्तेदारों को बचाया,पुलिस में मामला दर्ज करवाया।

 केस:3  अनजान वीडियो कॉल पर बात करना पड़ा भारी - कस्बे थानागाजी के समीपवर्ती एक गांव में एक व्यक्ति को एक अंजान महिला ने फ्रेड रिक्वेस्ट भेजी उसने रिक्वेट स्वीकार कर ली तो मैसेंजर पर एक नम्बर देकर वाट्सअप पर वीडियो कॉल पर बात करने को कहा गया,उस अनजान महिला ने वीडियो कॉल पर बात कर रिकॉर्डिंग कर सेक्सटॉर्शन  का शिकार बना रुपयो की मांग की नही देने पर वीडियो रिश्तेदारों परिचितों को वायरल करने की धमकी दी गई।

 केस न०4 ओटीपी नम्बर देना पड़ा भारी -  कस्बे थानागाजी निवासी एक युवक ने अपने लिए ऑनलाईन सामान बुक किया था,चार दिन बाद एक डिलीवरी बॉय उसके पास आया और ओटीपी नम्बर की बात कही,पीडित ने अपना ओटीपी नम्बर उसे दिया और थोडी देर बाद जैसे ही वह घर पहुंचा उसके एकाउंट से रुपए गायब हो गए।

  केस नम्बर 5:- साइबर हैंकर के हौसले इतने बुलंद है कि वे किसी को भी ठगने से नहीं चूक रहे है चाहे कोई अधिकारी हो या आम गृहणी,हाल ही में कस्बे थानागाजी निकासी एक आयुर्वेदिक कम्पनी एसलिपीएस में कार्यरत महिला गृहिणी मंजू राठौड़ के फोन पर एक काॅल आया कहा कि आपके फोन पे में पैसे डाल दिए गए हैं आप चैक कर ले।उक्त महिला ने फोन में देखा तो एक लिंक था जिस पर एक क्लिक कर खोलने को बोला लेकिन महिला ने सूझबूझ दिखाते हुए उस पर क्लिक नही कर बोला कि फोन पे या गूगल पे अथवा खाते में पैसे डालने पर ऐसे तो कोई लिंक नही मिलता तो इस पर उस साइबर ठग ने फोन ही काट दिया महिला ने बैंक में बात की तो उन्होंने इंकार कर दिया और इस तरह सुझबुझ से ही रुपए गायब होने से बच गए,उक्त महिला को कहीं से पैसे आने वाले थे इसी की भनक साइबर ठगों को कहीं से लगी,इसी मोके का फायदा ठगों ने उठाया,लेकिन महिला की सुझबुझ काम आई और ठगी से बच गई।

एक्सपर्ट ब्यू साइबर अपराध अपने पैर पसार रहा है:---

 विनोद कुमार आई टी प्रोग्रामर थानागाजी का कहना है, आज साइबर अपराध अपने पैर पसार रहा है,साइबर अपराधियों को पकड़ने में भी पुलिस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं क्योकि साइबर अपराधी अपराध कही से करता है और अपराध होता कही और है। कई बार तो आईपी एड्रस तक पकड में नहीं आ पाता तो कई बार चोरी इतनी छोटी होती है कि स्वयं पीडित उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते है।आज कल मोबाइल पर कई कंपनियों को तरह-तरह के एप हम अपने मोबाईल में डाउनलोड करते है, फेसबुक या वाट्सअप पर लिंक पर क्लिक कर देते हैं और इंस्टॉल करते समय अपनी सारी प्राईवेसी एप में अलाऊ कर देते है,यानी स्वयं जनता अपना डाटा कंपनियों को दे रही है और वह कंपनियां हमारा डाटा चोरी करके बेच रही है,आमजन के अधिकतर ठगी के मामले गूगल मेल का कमजोर पासवर्ड से हो रहे हैं साइबर क्राइमर गूगल मेल पासवर्ड डाल सारा डाटा यहाँ तक कि परिचित रिस्तेदारो के फोन नम्बर तक चुरा लेते हैं और रुपये मांगने का मैसेज वाट्स अप पर भेज ठगी को अंजाम दे रहे हैं, साइबर अपराधी लुभावने लिंक भेज कर उस पर क्लिक करवा यू पी आई आई डी या पिन पासवर्ड शेयर करवा खाते से पैसे निकाल ठगी कर देते हैं,साइबर अपराधी अनजाने नम्बर से लिंक या मैसेज भेज ठगी करते हैं अनजान नम्बर से आये मैसेज को डिलीट कर ब्लॉक कर दे,अगर साइबर क्राइम को रोकना हैं तोआज आमजन को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किये जाने की जरूरत हैं।

 कुछ सावधानियां बरत हम ठगी का शिकार होने से बच सकते:-

  उपखण्ड अधिकारी थानागाजी केशव कुमार मीना ने बताया कि  विभिन्न एप के माध्यम से लालच भरी बात आए मैसेज लिंक आये तो उस पर क्लिक करने से बचे, बिना जान-पहचान के फेसबुक, वाट्स एप या अन्य एप पर किसी से दोस्ती नहीं करे,हर किसी के फोन को अटेंड नहीं करें और अटेंड करते हैं तो पहले वैरिफाई करे की वह आपका परिचित है भी या नहीं, सेक्सोरेशन से बचने के लिए अनजान वीडियों कॉल से सावधान रहे,अपने पासवर्ड बदलते रहे और पासवर्ड कभी भी अपना पर्सनल डेटा जैसे नाम, मोबाईल नम्बर, जन्मतिथि आदि ना रहे यह ध्यान रखे,टू स्टेप वैरिफिकेशन अवश्य करे,फर्जी एपो से सवाधान रहे और फेस पार्सल से सावधान रहे,किसी भी तरह की ठगी की सूचना,संदिग्ध लोगों की सूचना या जानकारी होने पर तुरन्त पुलिस से सम्पर्क करे

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