बच्चे की TC के लिए 1 माह से चक्कर काट रहा पिता: बिलख कर बोला- मनमर्जी की फीस वसूल रहा स्कूल संचालक
मामला अलवर शहर के पुलिस लाइन के पास स्थित श्रीमिश्रा प्रिंस मॉडल सेकेंडरी स्कूल का है जहां बच्चे की टीसी नहीं मिलने पर अलवर के गुलाब बाग भैरू का चबूतरा निवासी अजीत खान स्कूल के बाहर मंगलवार सुबह 10:00 बजे बिलख बिलख कर रोने लगा और सबके सामने अपना दर्द बयान कर दिया
अजीत का आरोप है कि स्कूल संचालक उसके बच्चों की टीसी नहीं दे रहा है मनमर्जी फीस वसूली जा रही है मैंने टीसी के लिए ₹100 की फीस भी जमा करा दी लेकिन विद्यालय संचालक टीसी नहीं दे रहा है
अजीत का कहना है कि टीसी नहीं मिलने के कारण बच्चे एक महीने से स्कूल नहीं गए हैं जिनके पढ़ाई रुकी हुई है बच्चों की टीसी नहीं मिलने के कारण दूसरे स्कूल में एडमिशन नहीं हो पा रहा है
वही अजीत ने बताया कि उसका बेटा नदीम और उसकी बेटी अंजुम बानो दोनों इसी स्कूल में पढ़ते हैं स्कूल 3 महीने की फीस एडवांस में ले लेता है जब बच्चे का एडमिशन कराने गए तो ₹5000 की फीस मांगे जिसके चलते मैंने पहले बच्चे की त टीसी मांगी तो टीसी के लिए उन्होंने ₹100 की फीस बताइए जो मैंने जमा करा दी लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी टीसी नहीं दे रहे हैं मैं लगातार एक महीने से स्कूल के चक्कर काट रहा हूं, स्कूल संचालक ने टीसी काटकर खुद के पास ही रख लेता है, काफी परेशान होने के बाद मैंने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी जिस पर मंगलवार को पुलिस व प्रशासन मौके पर पहुंचा तो स्कूल संचालक वहां से निकल गया
वही नदीम का आरोप है कि स्कूल में लॉकडाउन में भी फीस माफ नहीं की थी दोनों बच्चों की फीस 11500 रुपए तय हुई थी बेटी अंजुम का एडमिशन जुलाई माह मैं करवाया था अक्टूबर से बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया बेटा पांचवी क्लास में पढ़ता है और बेटी पहली क्लास में पढती है, विद्यालय द्वारा लॉकडाउन में एक भी दिन ऑनलाइन क्लास है नहीं दी गई ना ही इसमें कोई रियायत दी गई,
वही स्कूल संचालक लोकेश मिश्रा का कहना है कि अजीत अपने बच्चों की टीसी 17 अक्टूबर को ले चुका है शायद उसने टीसी कहीं खो दी होगी वह दूसरी कॉपी लेने आया था इसके लिए एफिडेविट देना होता है एफिडेविट देने के बजाय वह बहस करने लगा मेरे किसी रिश्तेदार की मौत हो गई थी जिसके कारण मैं सुबह जल्दी चला गया था मैंने कभी टीसी देने के लिए मना नहीं किया था,
वही लोकेश मिश्रा का कहना है कि स्कूल में अजीत का बेटा पड़ता है बेटी का एडमिशन जुलाई माह में करवाया गया था लेकिन अभी तक उसके पूरे कागजात नहीं दिए