अंता कस्बे में अंधेरी नगरी कहावत नहीं हकीकत:नगरपालिका कार्यालय मे कर्मचारी नदारद
अंता (शफीक मंसूरी )
अंता कस्बे में अंधेरी नगरी कहावत नहीं हकीकत है
जिला कलेक्टर से लेकर उपखंड अधिकारी ने सरकारी कार्यालयों का आज तक नही किया कोई औचक निरीक्षण इस लिए अधिकारियों कर्मचारियों के हो रहे हौंसले बुलंद कार्यवाही करेंगे भी केसे राजनीति के कठपुतली बनकर जिले का प्रशासन तंत्र हो रहा है कमजोर आपको बता दें सोमवार को अंता नगर पालिका में सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 10:00 बजे से पहले कोई भी कर्मचारी नहीं आते और 4.45 पर नगर पालिका से कर्मचारी अधिकारी नगर पालिका को सुनी छोड़ चले जाते है अधिशासी अधिकारी का यह आलम है 5 दिन में एक या दो दफा वह भी आधे आधे दिन में गायब सिर्फ एक अधिकारी सहायक अभियंता धर्मराज गुर्जर जो अपनी जिम्मेदारियां पूरी तरह से निर्वाह करते हैं बाकी नगर पालिका राम भरोसे, सरकार द्वारा भले ही पारदर्शी एवं जवाब देही प्रशासन की बात की जाती हो लेकिन सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों की लेट लतीफी और डेली अपडाउन की प्रवृति के कारण सरकारी दफ्तरों की दशा खराब है। सरकार द्वारा भले ही सुबह साढे नौ बजे से शाम छह बजे तक का कार्यालय समय निर्धारित किया हुआ है अधिकारी-कर्मचारी सीट से नदारद मिलते हैं, जिससे लोगों को परेशानी होती है
कई अधिकारी कर्मचारी करते हैं डैली अपडाउन:- उपखंड मुख्यालय के कई विभागों में कार्यरत स्वयं अधिकारी ही डैली अपडाउन करते हैं। ऐसे में वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से क्या कहें कार्यालय में कार्यरत अधिकतर कार्मिक डैली अपडाउन करते हैं। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , पीडब्ल्यूडी, सीएडी, सहित पंचायत समिति के एवं अन्य कई कार्यालयों के कई अधिकारी एवं कर्मचारी डैली अपडाउन करते हैं। जबकि सरकार के निर्देशानुसार मुख्यालय छोडने से पहले अपने उच्चाधिकारी से लिखित में अनुमति लेना जरूरी होता है। लापरवाही अधिकारी-कर्मचारियों की लेटलतीफी और नदारद रहने से समय पर नहीं हो रहे काम, जनता परेशान
फील्ड ड्यूटी का बहाना - कई अधिकारी जब कार्यालय में नहीं होते हैं और उनसे मोबाइल पर बात की जाती है तो वे फील्ड में होने की बात कहते हैं। जबकि नियमानुसार फील्ड में जाने से पहले उनको कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कर मूवमेंट बुक में फील्ड में जाने संबंधी जानकारी का अंकन करना होता है। कई कार्मिक डैली अपडाउन की प्रवृति के कारण विभिन्न कारणों से कार्यालय निर्धारित समय पर नहीं पहुंच पाते अथवा जल्दी ही कार्यालय छोड देते हैं, जिसके कारण लोग परेशान होते है। विभागीय उच्चाधिकारी या तो निरीक्षण नहीं करते हैं और यदि करते हैं तो दोषी कार्मिकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती है, जिससे इस प्रवृति पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
आवश्यक कार्रवाई करंगे: एसडीएम- एसडीएम दीपक महावर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी अनुपस्थित मिलते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी