राजस्थान सरकार के आदेशानुसार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 125 दिनों का रोजगार देने वाली महत्वपूर्ण योजना के लाभ से हजारों श्रमिक वंचित
मनरेगा में महिला श्रमिकों को नियमित रुप से लगातार कार्य दिलाने और इस योजना में किये जा रहे भ्रष्टाचार के मामले को लेकर उपखंड अधिकारी लाडनूं को सौंपा ज्ञापन, की समस्या समाधान की मांग।
लाडनूं (नागौर, राजस्थान/ मुस्ताक खान) इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत राजस्थान सरकार द्वारा श्रमिकों को 125 दिनों का रोजगार देने वाली यह महत्वपूर्ण योजना शहरी क्षेत्र लाडनू में धरातल पर सही तरीके से लागू नहीं होने के चलते, मनरेगा में महिला श्रमिकों को नियमित रुप से लगातार कार्य दिलाने और इस योजना में किये जा रहे भ्रष्टाचार के मामले की जांच की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मो० मुश्ताक खान कायमखानी व मांगीलाल जी के संयुक्त तत्वावधान में लाडनू शहर की सैकड़ों महिला श्रमिकों ने उपखंड अधिकारी लाडनूं को ज्ञापन सौंपकर समस्या समाधान की मांग की है।
शहरी क्षेत्र की सैकड़ों महिला श्रमिकों ने बुधवार उपखंड कार्यालय में करीब 2 घन्टें से अधिक समय तक पालिका प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और नगर पालिका मंडल लाडनूं के जिम्मेदारो पर आपसी मिलिभगत का आरोप लगाते हुए मेट पर मनमर्जी से कार्य पर रखने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
महिला श्रमिकों ने बताया है कि सभी महिलाएं मनरेगा मजदूर हैं तथा सभी के पास जाब कार्ड भी हैं, सभी महिला श्रमिकों के पास अधिकृत और स्वीकृत जाब कार्ड होने के बावजूद भी मनरेगा रोजगार योजना से वंचित रखा जा रहा है, तथा जिनको पहले काम मिल चुका है उनके साथ आपसी मिलिभगत करके फिर से दुबारा दुसरे के नाम से उसी को वापस काम पर रख लिया जाता है जिसके चलते वंचित श्रमिकों को समय पर रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। महिला श्रमिकों का आरोप यह भी है कि मेट ने हमें काम देने से साफ इन्कार कर दिया है जिसके चलते महिला श्रमिकों में नगर पालिका मंडल लाडनूं के प्रति बहुत भारी रोष और आक्रोस नजर आ रहा है।
इस अवसर पर उपखंड अधिकारी लाडनूं को ज्ञापन देने के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता मो० मुश्ताक खान कायमखानी मौके पर उपस्थित रहे तथा उपखंड अधिकारी को बताया है कि मनरेगा योजना के अन्तर्गत रोजगार चाहने वाली महिला श्रमिकों व अन्य श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराना यह श्रम कानून का खुलम खुल्ला उलंघन है जबकि सभी श्रमिकों ने नियमानुसार रोजगार पाने के लिए आनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर रखा है, उनके पास मनरेगा में रोजगार पाने का जाब कार्ड भी सरकार द्वारा जारी किया गया है, जिसमें 100 दिनों का रोजगार देने का प्रावधान सरकार ने कर रहा है तथा वर्तमान में 100 दिनों का बजाय 125 दिनों का रोजगार देने की घोषणा राजस्थान सरकार ने हाल ही में की है बावजूद इसके मनरेगा योजना के अन्तर्गत रोजगार चाहने वाले को रोजगार नहीं देकर उनको इस योजना के लाभ से लाभान्वित कराने की बजाय वंचित रखा जा रहा है जो कि यह सरासर ग़लत हो रहा है।
कायमखानी ने इस मामले को उठाते हुए इस योजना में की जा रही मनमर्जी को रोकने और इस योजना में पनप रहे भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सरकार के मुख्यमंत्री को अवगत कराने का निर्णय लिया है। साथ ही कायमखानी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस योजना की नियमित नियमानुसार जांच होनी चाहिए, हाजरी रजिस्टर कि नियमित जांच के अलावा काम करने वाले श्रमिकों की आईडी की जांच, काम करने वाले श्रमिक की जांच, मेट के कार्य की जांच व मेट के द्वारा भरा जाने वाला रिकार्ड की नियमित जांच के अलावा रोजाना जहां श्रमिकों द्वारा कार्य किया जाता है उस कार्य स्थान की किसी जिम्मेदार अधिकारी को मौके पर भेज कर जांच कराने व वंचित श्रमिकों को नियमानुसार रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की है।
कायमखानी ने बताया की मनरेगा योजना के अन्तर्गत अभी कुल 1900 के आप पास श्रमिकों ने आनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर रखा है जिनमें से 350 लोगों को रोजगार दिया जा रहा है जबकि कार्य स्थान पर 125 हि श्रमिक काम पर लगे हुए हैं। महिला श्रमिकों के विरोध को देखते हुए उपखंड अधिकारी ने शहरी क्षेत्र में चल रहे मनरेगा योजना में लगे सभी मेट को बुलाकर फटकार लगाते हुए सही तरीके से नियमानुसार कार्य करने और श्रमिकों को कार्य देने के लिए पाबंद किया तथा इस पुरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर सेकडो श्रमिक सांत हुए। इस अवसर पर मांगीलाल के सैकड़ों की तादाद में महिलाएं मनरेगा श्रमिक भारी संख्या में उपस्थित रहीं।