घर में काजल बनाकर आँख में लगाकर उपचार करने की बजाए चिकित्सकों से सलाह अवश्य लें- कलेक्टर पहाडिया
महिलाएं अपने बच्चों की देखभाल के लिए घरों में ही रहें
राज्य के अलवर जिला कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने कहा है कि तीसरा लॉक डाउन शुरू हो चुका है।हमें आठ जून तक धैर्य बनाए रखना है। लेकिन अभी शासन और प्रशासन के साथ आमजन को भी ब्लैक फंगस के अलावा बच्चों में संक्रमण फैलने से पहले ही दोनों बीमारियों पर जीत भी हासिल कर अलवर को विजयी बनाना है।कलक्टर पहाड़िया ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ब्लैक फंगस के सिमटम दिखने पर लापरवाही कतई नहीं बरतें।लापरवाही से आंखों की रौशनी जा सकती है।विशेषकर नीम हकीम के कहने पर घर में शुद्ध सरसो का तेल, देशी घी का दीपक जलाकर काजल बनाकर काजल को आंखों में कतई नहीं लगाए। तत्काल सरकारी अस्पताल पहुंच कर चिकित्सकों से आंखों की जांच करवाएं और उपचार कराए।कुछ लोग ऐसे भी होते है जो आंखों में खुजली या अन्य आंखों की परेशानी होने पर यह समझ कर लापरवाही बरतते है कि हमेशा की तरह इस बार भी दो चार दिन खुजली चलने के बाद खुजली बन्द हो जाएगी।ऐसी लापरवाही आंखों के लिए घातक हो सकती है।
कलक्टर ने कहा कि बच्चों में संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए एक अलग वार्ड बना दिया गया है लेकिन इस समय छोटों बच्चों की माँ को अपने बच्चों के देखभाल की ज्यादा जरूरत है।महिलाएं अपने बच्चों की केयर के लिए घरों में ही रहे तो बेहतर होगा।जिस प्रकार अमेरिका में महिलाओं ने ऑफिस जाने की बजाए घरों में ही रहकर बच्चों की देखभाल करने का निर्णय लिया है।ठीक उसी प्रकार जिले की महिलाएं भी निर्णय लें।
कलक्टर पहाड़िया ने बार बार जोर देते हुए कहा कि नीम हकीम के कहने पर किसी भी बीमारी का कथित देशी उपचार करने की बजाए सरकारी अस्पताल में जांच करा कर ईलाज ले तो यही बेहतर होगा।
- रिपोर्ट- राजीव श्रीवास्तव