विश्व का प्रथम पंचगव्य निर्मित छात्रावास ताणा में निर्माणाधीन
चितौडगढ, राजस्थान
राजस्थान के चितौडगढ जिले की भोपालसागर तहसील के ताणा में विश्व के प्रथम पंचगव्य निर्मित छात्रावास का निर्माण आज परम पूज्य तपस्वी संत, 31 वर्षीय गौ पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के संचालक गोपालानंद सरस्वती ( श्री जगदीश गोपाल जी महाराज ) महाराज की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ |
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शास्त्रों में वर्णित है :- यत्व गस्ति गतम पापम् देहे तिष्ठति मामके , प्राशनात् पंचगव्यस्यदहत्यग्निरिवेन्धनम्!!
इसका अभिप्राय है कि हमारे रोम-रोम में , हड्डियों में जो पाप और दुषित संस्कार प्रवेश कर चुके है वो पंचगव्य प्राशन से वैसे ही जल जाते है जैसे अग्नि जलाने से ईंधन जल जाते है |
आजकल प्रदूषित वातावरण, मोबाईल टावर से निकलने वाला रेडियेशन इन सब का प्रभाव मानव के मष्तिष्क व विचारों पर पड़ता है |
अत: भावी पीढ़ी सात्विक व सकारात्मक विचारों वाली ही इस हेतु परम पूज्य महाराज श्री ने पूर्णत: सात्विक आवास जो पंचगव्य से निर्मित करने का विचार किया | इस छात्रावास में कक्षा 3 से 11 तक के विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था रहेगी | कार्यक्रम में साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती जी ने पंचगव्य आवास का महत्व बताया | जिसका भूमि पूजन को परम पूज्य गुरुदेव, साध्वी कपिला दीदी अध्यक्ष, साध्वी श्रद्धा दीदी निदेशक, साध्वी आराधना दीदी कोषाध्यक्ष, मुख्य अतिथि के रूप में 31 वर्षीय गो पर्यावरण चेतना पदयात्रा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भंवर लाल खारोल गलवा (बारडोली) विशिष्ट अतिथि राम सिंह, आक्या सरपंच श्रीमती तारा देवी, मालीवाल सरपंच आकोला, विजय कुमार बेरवा, प्रधानाचार्य जेजीएम गुरुकुलम, गोपाल तेली समिति सदस्य, अजीत कुमार शर्मा, विद्यालय व्यवस्थापक अध्यापक राजेंद्र खारोल, विनोद मालीवाल सामाजिक कार्यकर्त्ता की उपस्थिति हुआ | साथ ही ताणा आकोला हाइवे पर वाटर कूलर की व्यवस्था गुरूकुलम द्वारा की गई जिसका भी शुभारंभ हुआ | कार्यक्रम में सभी अतिथि, विद्यालय शिक्षक एवं शिक्षिकाएँ, कथा सदस्य और ग्रामवासी उपस्थित रहे |
- जयन्तिलालकोशिथल की रिपोर्ट