तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण अपनी धवल सेना के साथ पहूँचे उपनगरपुर
देखने को मिली कोमी एकता व गंगा जमुना की तहजीब, मुस्लिम समाज ने किया भव्य स्वागत
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) तेरापंथ धर्म संघ के 11वें आचार्य महाश्रमण अपनी धवल सेना के साथ आज सुबह 10.21 बजे मंगल प्रवेश किया। तो पूरा उप नगर पुर जयकारों से गूंज उठा। हर कोई आचार्य की एक झलक पाने को आतुर था। आचार्य महाश्रमण ससंघ सुबह 7:15. बजे तेरापंथ नगर से विहार करके 3 घण्टे में 12 किलोमीटर का फासला तय करते हुए मुख्य स्थल पर पहुंचे। मंगल प्रवेश के दौरान पुर के भामाशाह व समाज सेवी राजेन्द्र पलोड सहित भारत के अलग-अलग स्थान से आए जैन समाज के लोग और भीलवाड़ा जिले के धर्मावलम्बी इसके साक्षी बने। शांतिदूत आचार्य महाश्रमण के मंगल प्रवेश पर चारों तरफ श्रद्धा व भक्ति का अनूठा दृश्य दिखाई दे रहा था। इस दौरान विश्नोई समाज ब्राह्मण समाज, सेन समाज, , दर्जी समाज व मुस्लिम समाज चारभुजा महिला मंडल सहित सर्व समाज ने मंगल प्रवेश पर जोरदार स्वागत किया,
वस्त्रनगरी भीलवाड़ा में आचार्य का चातुर्मास प्रवेश अनेक दृष्टियों से ऐतिहासिक रहा। भीलवाड़ा में तेरापंथ के आचार्यों का यह पहला चातुर्मास है। आचार्य के साथ प्रथम बार 200 से अधिक साधु-साध्वियां चातुर्मास में रही । आचार्य के स्वागत में सभी में उत्साह-उमंग की नई लहर छाई हुई है। जगह जगह श्रद्धालु अभिनन्दन कर रहे थे। आचार्य की अगवानी के लिए जैन व अजैन लोग यहाँ पहुंचे थे। सड़क के एक तरफ बालिकाए अपने हाथों में लाल ध्वज लहराते हुए हाथों में जैन धर्म की तख्तियां लिए उनका स्वागत कर रही थी,
इस दौरान जय-जय ज्योतिचरण, जय-जय महाश्रमण, 'महाश्रमण जी ने घणी-घणी खम्मा, 'तेरापंथ सरताज ने घणी-घणी खम्मा 'नेमा जी रा लाल ने घणी-घणी खम्मा आदि उद्घोष से सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। पंजाब से आए बैण्ड वादकों ने शानदार बैंड वादन किया। तथा लोगों को अपने करतब दिखाए,इस दौरान सुरेश राकेश सिंघवी भारद्वाज, सत्यनारायण नोसलिया, गोवर्धन, गोपाल, कर्णावट, राजेश कर्नावट,सहित कई लोग मौजूद रहे।