26 जनवरी गणतंत्र दिवस: कोतवाली दातागंज में फहराया गया राष्ट्रीय ध्वज
दातागंज (बदायूँ, राजस्थान/ शशि जायसवाल/ अभिषेक वर्मा) दातागंज कोतवाली परिसर में डिप्टी एस पी प्रेम कुमार सिंह थापा एवं कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बीरपाल सिंह तोमर ने गणतंत्र दिवस को बड़े ही धूमधाम से मनाया। बता दे कि बदायूँ जिले की कोतवाली दातागंज में 73 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिन बुधवार सुबह 8:30 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोह कर ध्वजारोहण किया गया।आपको बता दें कि 73 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दातागंज सी० ओ० दातागंज व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने सलामी देकर आन बान और शान के साथ ध्वजारोहण कर झंडा फहराया गया।वही सी० ओ० दातागंज प्रेम कुमार सिंह थापा ने राष्ट्रगान के साथ तिरंगे को सलामी दी। इस मौके पर समस्त पुलिस कर्मी शामिल रहे। गणतंत्र दिवस दातागंज के संभ्रांत लोग मौजूद रहे। साथ ही राष्ट्रगान के साथ तिरंगे को सलामी दी गई। हर भारतीय 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। देश के इतिहास में जिस तरह 15 अगस्त देश को आजादी मिलने की एक अविस्मरणीय तारीख के तौर पर दर्ज है।ठीक उसी तरह 26 जनवरी का यह दिन भी भारत के लिए बेहद खास और खुशी का दिन है। और भारत में दोनों तिथियां राष्ट्रीय पर्व के तौर पर हर वर्ष धूमधाम से मनाई जाती है। बड़ी बात तो यह है कि 26 जनवरी की तारीख का एक स्वर्णिम रिश्ता देश के संविधान से तो दूसरा गणतंत्र से जुड़ा हुआ है।वही दातागंज सी.ओ दातागंज ने बताया कि गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय गौरव का दिन है जो हमें उन स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है। जिन्होंने राष्ट्र के लिए सहर्ष अपनी जीवन की कुर्बानी दी। जिनकी बदौलत हम स्वतंत्र हुए। और संप्रभुता संपन्न भारत में सांस ले पा रहे हैं। आज इस अवसर पर हम उन शहीदों को नमन करते हैं। साथ ही कहा कि सभी देशवासियों तथा छात्र – छात्राओं से अनुरोध है कि कोरोना के दृष्टिगत सभी सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए इस राष्ट्रीय पर्व को अच्छे से मनाएं। गणतंत्र दिवस जनता और तंत्र व्यवस्था पर पुनः विचार का दिवस है।गणतंत्र दिवस जैसे पर्व का नाम याद आते ही मन जैसे बचपन की गलियों में वापस घूमने लगता है।दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के लिए 26 जनवरी का दिन अहम है। इस दिन भारतीय संविधान लागू हुआ था। इस साल भारतवासी 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। देश की आजादी के बाद भारतीस संविधान का गठन हुआ था। बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर को संविधान निर्माता कहा जाता है लेकिन बाबा साहब के अलावा देश के संविधान के निर्माण में 210 लोगों का हाथ था। भारत के संविधान को कई बाते खास बनाती हैं। संविधान को दिसंबर में ही अपना लिया गया था, लेकिन 26 जनवरी को लागू करके इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर घोषित कर दिया गया, इसके पीछे खास वजह थी। वहीं भारतीय संविधान हाथ के बने कागज पर हाथों से लिखा गया है लेकिन इतने सालों से इन कागजों को संजोकर रखना बड़ी बात है। भारत के संविधान से जुड़ी ऐसी ही कई और बाते हैं जो हर भारतीय को पता होनी चाहिए।
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को सुबह 11 बजे हुई थी। संविधान सभा में कुल 210 सदस्य शामिल थे, जिसमें 15 महिलाएं शामिल थीं। उसके दो दिन बाद यानी 11 दिसंबर को 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष के तौर पर चयन हुआ। 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव सभा में प्रस्तुत किया था, जो 22 जनवरी 1947 को पारित किया है। 1949 में 26 नवंबर को संविधान सभा ने संविधान को अपना लिया था लेकिन लागू 26 जनवरी को किया। इसकी वजह थी कि 26 जनवरी 1930 में आज ही के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। 20 साल बाद उसी दिन संविधान लागू कर दिया गया।भारतीय संविधान की मूल प्रति हाथ से बने कागज पर हाथों से लिखी है, इसे संसद भवन के पुस्तकालय में नाइट्रोजन गैस चैंबर में रखा गया है। ताकि संविधान के मूल प्रति को संरक्षित रखा जा सके।भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ, राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर भारतीय गणतंत्र के जन्म की ऐतिहासिक घोषणा की थी। आजाद होने के 894 दिन बाद भारत स्वतंत्र राज्य बना।