शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला में शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने के बाद राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 78 हो गई। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान ईश शर्मा (28) के रूप में हुई है जबकि उनके पिता का शव बृहस्पतिवार को बरामद हुआ था, जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में गणित विभाग के अध्यक्ष थे।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने शनिवार को पीटीआई- को बताया कि प्रदेश में रविवार रात से हुई 78 मौतों से 24 मौत अकेले शिमला में तीन बड़े भूस्खलनों में हुई है। उन्होंने बताया कि इसमें से 17 लोगों की मौत समर हिल के शिव मंदिर में हुई, वहीं, फागली में पांच लोगों जबकि कृष्णानगर में दो लोगों की की जान चली गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होम गार्ड द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियान में भूस्खलन के मलबे से शवों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। मंदिर के मलबे में कम से कम तीन लोगों के अब भी दबे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि शिमला में उच्च खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान करने और भूस्खलन संभावित स्थानों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय मौसम कार्यालय ने 20 एवं 21 अगस्त के लिए भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है जबकि 22 एवं 23 अगस्त के लिए भारी बारिश को लेकर ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। मौसम कार्यालय ने चेतावनी दी है कि शिमला, सिरमौर और चंबा जिलों में अचानक बाढ़ आने का खतरा है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन, अचानक बाढ़ और नदियों तथा नालों में जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा, फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। बेहद खराब मौसम कि स्थिति के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया जाता है जिसमें यातायात और बिजली सेवा बाधित होने के साथ जीवन को भी खतरा हो सकता है। वहीं, अत्यधिक खराब मौसम का संकेत देने के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया जाता है जिसमें सड़क मार्ग से आवाजाही बाधित होने के साथ बिजली आपूर्ति में रुकावट आ सकती है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने भारी बारिश से हुई मानव जीवन की हानि और संपत्तियों को हुए व्यापक नुकसान को देखते हुए राज्य को शुक्रवार को ‘प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र’ घोषित कर दिया था। राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 24 जून को हुई मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में 221 लोगों की मौत हो गई है और 11,600 घरों को पूर्ण या आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। राज्य में अभी भी 560 सड़कें अवरुद्ध हैं और 253 ट्रांसफार्मर तथा 107 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं।