शिव महापुराण कथा महायज्ञ में पार्वती की जल कथा एवं शिव, पार्वती विवाह प्रसंग का वर्णन
कथा में सजी शिव पार्वती विवाह की झांकियां-- शिव महापुराण कथा महायज्ञ में पार्वती की जल कथा एवं शिव, पार्वती विवाह प्रसंग का वर्णन--- बेटियां भगवती एवं लक्ष्मी का स्वरूप होती हैं, आसानी से प्राप्त नहीं होती.... कथावाचक मुक्तिनाथ शास्त्री---- बेटा एक कुल की उन्नति करता है जबकि बेटियां दो कुलों को रोशन करती है.... कथावाचक मुक्तिनाथ शास्त्री------ मनुष्य को अपनी शुद्ध कमाई में से कुछ अंश निकाल कर गौ माता के खाने पीने की व्यवस्था पर खर्च करना चाहिए.... मुक्तिनाथ शास्त्री नेपाल
उदयपुरवाटी / चंंवरा (सुमेर सिंह राव)
हीरवाना का श्री कृष्ण गौशाला परिसर इन दोनों मिनी काशी बना हुआ है। दूरदराज के संत महात्माओं सहित कई गांवों के श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है। गौरतलब है कि गौशाला परिसर में स्थित राधा गोविंद मंदिर में सीकर के विश्वनाथ गोरसिया परिवार द्वारा महंत लक्ष्मण दास महाराज एवं सोमनाथ शास्त्री नेपाल के सानिध्य में चल रही 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा महायज्ञ को सुनने के लिए भक्तों का जमवाड़ा लगा रहता है। कथा के छठे दिन कथावाचक मुक्तिनाथ शास्त्री नेपाल द्वारा यज्ञ का महत्व, महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ एवं महात्म्य, पुत्री महिमा, पार्वती की जल कथा एवं शिव-पार्वती विवाह आदि प्रसंगों का वर्णन किया गया। कथा के दौरान शिव पार्वती विवाह की सजीव झांकियां सजाई गई। भगवान शिव नंदी की सवारी व बारातियों के साथ कथा स्थल पहुंचे तो पूरा पंडाल खुशी से झूम उठा। शिव की बारात में देव और असुर सभी नाश्ते गाते हुए कथा स्थल पहुंचे। इस दौरान तोरण से लेकर वरमाला सहित शादी की सभी रस्में निभाई गई। गोरसिया परिवार सहित उपस्थित श्रद्धालुओं ने कन्यादान किया। कथावाचक ने कहा कि यज्ञ करना हो तो भगवान की प्राप्ति करके, विश्व में शांति एवं विश्व कल्याण की भावना के लिए यज्ञ करना चाहिए, न कि किसी का अपमान करने के लिए। दक्ष प्रजाति ने शिव का अपमान करने के लिए यज्ञ किया था तो उनको मृत्यु दंड तक की सजा हुई। ऐसी कथाओं से हमें ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा नास्ति मृत्यु भयं क्वचित अर्थात् महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से मृत्यु का भय कभी नहीं होता। उन्होंने कहा बेटियां भगवती एवं लक्ष्मी का स्वरूप होती हैं। जो आसानी से प्राप्त नहीं होती हैं। बेटियां पूर्व जन्म के अच्छे कर्मों तथा भाग्य से प्राप्त होती हैं। उन्होंने कहा बेटा एक कुल की उन्नति करता है जबकि बेटियां दो कुलों को रोशन करती है। उन्होंने कहा मनुष्य को गौ माता की सेवा एवं उनकी रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा मनुष्य को अपनी कमाई में से कुछ अंश गौ माता के खाने-पीने की व्यवस्था के लिए खर्च करना चाहिए। इस दौरान हवलदार रामकरण रावत, कन्हैयालाल रावत, शेर सिंह खटाणा, भजनाराम भडाणा, गोपाल शर्मा, अशोक शर्मा पालवास, राजकुमार सैनी, मुकेश दाधीच, प्रमोद कुमार जांगिड़, गोपाल सिंह शेखावत, रामअवतार जांगिड़, मनजीत स्वामी, भाताराम रावत, संजय कुमार शर्मा, सचिन सैनी, बजरंग गोरसिया, अंशु शर्मा, धीरज शर्मा, हीरालाल मास्टर, महेंद्र बंजारा सहित काफी संख्या में महिला एवं पुरुष मौजूद रहे।