6 या 7 सितंबर कब है जन्माष्टमी ?
लक्ष्मणगढ़ ,अलवर (कमलेश जैन)
रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही जन्माष्टमी त्यौहार एवं व्रत का भी लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है । योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि हिदू धर्म में जन्माष्टमी का खास महत्व है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था।
हर साल की तरह इस बार भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर भक्तों में आसमंजस की स्थिति बनी हुई है। दरअसल हर साल जन्माष्टमी का त्यौहार दो दिन मनाया जाता है। एक दिन गृहस्थ जीवन वाले और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय वाले जन्माष्टमी मनाते हैं। 6 और 7 सिंतबर दोनों दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। गृहस्थ जीवन जीवन वाले 6 सितंबर और वैष्णव संप्रदाय 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।
भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ- 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समापन- 7 सितंबर 2023 को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र- 6 सितंबर को सुबह 09 बजकर 20 मिनट से 7 सितंबर सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा।
पंडित ने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने से संपूर्ण इच्छाओं की पूर्ति होती है। इस दिन विधिपूर्वक यशोदा नदंन की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। वहीं जिन दंपतियों की संतान की चाह है वे जन्माष्टमी की दिन लड्डू गोपाल की उपासना जरूर करें। साथ ही उन्हें माखन, दही, दूध, खीर, मिश्री और पंजीरी का भोग भी लगाएं।