प्लास्टिक मुक्त धरती के लिए अनूठी पहल: स्टेट अवार्डी शिक्षक की एक ओर नवाचारी पहल ने गांव को किया प्लास्टिक मुक्त
विद्यार्थियों को साथ जोङकर स्वच्छ गांव की ओर बढ़ाया कदम.. शिक्षक विश्नोई कोशिश पर्यावरण सेवक टीम के बैनर तले स्वच्छ भारत अभियान मे देते हैं निस्वार्थ भाव से सेवा
भीलवाड़ा( राजकुमार गोयल )प्लास्टिक प्रदूषण एक ऐसी गंभीर पर्यावरणीय समस्या है जिसे केवल जनजारूकता से ही खत्म किया जा सकता है प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगानी इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि आज अगर हम कदम नहीं उठायेंगे,तो आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन अत्यंत कष्टकर हो जायेगा, जरूरत केवल दृढ़ संकल्प लेने और अपनी आदतों में थोङे बदलाव करने की है,देश का हर परिवार अगर प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का संकल्प ले लें तो प्लास्टिक-मुक्त भारत की स्थापना की दिशा में यह पहल मील का पत्थर साबित हो सकती है इसी भाव और सोच को लेकर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पाबूबेरा मे कार्यरत स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने विद्यालय परिसर व आप-पास के क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त रखना शुरू किया तो शिक्षक को ऐसा करते देख बच्चे भी प्रभावित हुए और सहयोग करने लगे तब शिक्षक विश्नोई ने इसका दायरा बढ़ाया व इस मुहिम को पूरे गांव तक फैलाने का सोचा व बच्चों को साथ लेना उचित समझा तब बच्चों ने तन व मन से साथ देना शुरू किया और पिछले दो महीने के प्रयास के बाद गांव का जायजा लिया तो गांव प्लास्टिक मुक्त नजर आया तब यह उक्ति सही साबित होती नजर आयी कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं प्रयास और कोशिश से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।कोशिश पर्यावरण सेवक टीम के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि आश्चर्य की बात है कि जिस प्लास्टिक का आविष्कार मानव जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया था,
वहीं प्लास्टिक आज पृथ्वी के लिए आपदा तथा मनुष्यों और वन्य एवं जलीय जीवों,पक्षियों और वनस्पतियों के लिए काल बनता जा रहा है प्लास्टिक एक ऐसा प्रदूषक है जो भूमि,वायु और जल तीनों तरह के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होता है इस कारण मैंने बच्चों को साथ लेकर मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी अभियान के तहत हर घर व गांव में पङी प्लास्टिक को इकट्ठा कर संग्रह करना शुरू किया पिछले दो महीने से इस पहल की जांच के लिए गांव व घर घर गये तो सभी अभिभावकों ने एक ही बात कही कि बच्चे प्लास्टिक मुक्त गांव के लिए हमेशा चर्चा करते हैं और सुबह विद्यालय जाते समय हाथ मे प्लास्टिक अवश्य होती है गांव मे जनजागरूकता के लिए शिक्षकों व बच्चों ने प्लास्टिक तेरो मुंडो कालो,आप जागो प्लास्टिक त्यागो, पॉलिथीन त्यागो गाय बचाओ जैसे कई संदेश लिखी तख्तियां व बैनर से रैली व नुक्कड़ नाटक कर ग्रामीणों को प्लास्टिक मुक्त गांव के लिए जागरुक किया।बाहरवीं कक्षा मे अध्ययनरत छात्र जसाराम ने बताया कि स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई विश्नोई पिछले कई महीनों से विद्यालय परिसर व आप-पास के क्षेत्र मे रोज प्लास्टिक बीनते नजर आ रहे थे तब विद्यार्थियों ने भी साथ जुङने का प्रयास किया तो विश्नोई ने हमें बताया कि आप साथ दो तो विद्यालय परिसर की तरह गांव को भी प्लास्टिक मुक्त कर सकतें तब सभी विद्यार्थियों ने साथ जुङने का हां भर दिया तब शिक्षक विश्नोई ने हमें बताया कि आपको इसके लिए न तो अतिरिक्त समय खर्च करना है न ही कोई धन खर्च करना है केवल आपको विद्यालय आते और जाते समय रास्ते में आने वाली प्लास्टिक इकट्ठा कर विद्यालय ले आना है हम यहां इसका निस्तारण कर देंगे इस मुहिम के दो महीने बाद ऐसी परिस्थिति बन गयी कि पहले हम कटा भरकर प्लास्टिक लाते थे लेकिन अब एक-एक प्लास्टिक थैली के लिए इधर उधर भागना पङता है अब हमारा गांव प्लास्टिक मुक्त नजर आने लगा है।