दसलक्षण पर्व का सातवां दिन है उत्तम तप
लक्ष्मणगढ़ ( कमलेश जैन) दसलक्षण पर्व का सातवां दिन उत्तम तप है। कर्म क्षय के लिए जो साधना की जाती है। वह उत्तम तप है। बिना तपाये जैसे स्वर्ण शुद्धता को प्राप्त नहीं होता उसी प्रकार से तप किए बिना आत्मा भी शुद्ध परमात्म पद को प्राप्त नहीं होता ।
जैन धर्म के तीर्थंकरों जैसी तप साधना करना आज के समय में शायद व्यक्ति के लिए मुमकिन ना हो, लेकिन फिर भी व्यक्ति इसी भाव के साथ दसलक्षण पर्व के दौरान उपवास करते हैं या फिर एक समय भोजन करते हैं। हालांकि, यहां यह समझना चाहिए कि तप का मतलब सिर्फ उपवास करना नहीं, बल्कि अपनी इच्छाओं और ख्वाहिशों को वश में रखना तप है, जो व्यक्ति के अच्छे कर्मों में वृद्धि करते हैं।