धर्मसभा स्थल मे धर्मप्रेमियों को तांबे के लोटों से जल पिलाकर दिया परंपरागत भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का संदेश
खेजङली शहीदी मेला स्थल को पर्यावरण सेवकों ने रखा पॉलिथीन व प्रदूषण मुक्त
कोशिश पर्यावरण संरक्षण सेवक टीम के बैनर तले सेवकों ने दो दिन तक दी निस्वार्थ भाव से सेवा
भीलवाड़ा ( राजकुमार गोयल) धोरीमन्ना:- अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व मे खेजङली मे 363 लोगों ने वृक्षों को बचाने में बलिदान दिया उसकी दास्तां खेजङली मेले मे जीवंत हुई। बिश्नोई समाज के हजारों लोगों ने मेले मे शामिल होकर यज्ञ मे आहुतियां देकर शहीदों को याद किया।मेला स्थल को स्वच्छ रखने का जिम्मा उठाते हुए कोशिश पर्यावरण संरक्षण सेवक टीम के सेवकों ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत जगह-जगह तख्तियां,बैनर व पोस्टर लगाकर धर्मप्रेमियों को पॉलिथीन का इस्तेमाल न करने का संदेश दिया व दुकानदारों को प्लास्टिक कप व गिलास को काम न लेने की कठोर हिदायत दी।दो दिन चले मेला स्थल पर पहले दिन रात्रि जागरण व दूसरे दिन मेला व धर्मसभा स्थल को पर्यावरण के अनुकूल रखने का पर्यावरण सेवकों ने तन,मन व धन से समर्पित होकर प्रयास किया जिसका असर लोगों के मन व मस्तिष्क पर पङा ओर सभी ने इस सेवा कार्य में सहयोग किया। कोशिश पर्यावरण संरक्षण सेवक टीम के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण सेवक टीम अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद खमुराम बिश्नोई के नेतृत्व मे देश ही विदेशी धरती पर भी पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को चला रही है उसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए स्वच्छ भारत अभियान का मिशन लेकर शहीदी स्थल खेजङली पहूंची ओर दो दिन तक तक निस्वार्थ भाव से सेवा देते हुए धर्म प्रेमी सज्जनों को पॉलिथीन का इस्तेमाल न करने का संदेश देते हुए तांबे के लोटों से जलपान कराकर नशा न करने का संदेश देकर पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने मे सभी से सहयोग करने की अपील की।मेले मे आये दर्शनार्थियों ने पर्यावरण सेवकों का सहयोग करते हुए प्रसादी के लिए पॉलिथीन की जगह कपङे व कागज की थैली का इस्तेमाल किया और पर्यावरण सेवकों का होंसला आफजाई करते हुए आभार प्रकट किया।पर्यावरण सेवक टीम मे खमुराम बिश्नोई,जगराम मांजू, ओमप्रकाश गोदारा,खंगाराराम नैण, जगदीश प्रसाद विश्नोई,अरमान कङवासरा,भंवरी कालीराणा,मोहनराम गोदारा बाबुलाल खावा,कोमल सारण, अक्षिता बेनीवाल सहित कई विद्यार्थियों व पर्यावरण सेवक व सेविकाओं ने निस्वार्थ भाव से सेवा देकर सभी लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया।