महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर बानसूर में तिरंगा यात्रा और माल्यार्पण का आयोजन।
बानसूर देश आज महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर याद कर रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था। जिसको लेकर आज उनको याद कर उनकी प्रतिमाओं पर माल्याअर्पण कर नमन किया गया।इस दौरान बानसूर में 3 हजार स्कूली छात्र छात्राओं ने कस्बे मे विशाल तिरंगा यात्रा निकाली। इस दौरान स्कूली छात्र छात्राओं ने तिरंगा रैली के माध्यम से शांति और स्वच्छता का संदेश दिया। स्कूली छात्र छात्राओं की रैली कस्बे के सुभाष चौक से डोल नगाड़ों के साथ शुरु होकर कस्बे के मुख्य बाजारों से होती हुई अलवर रोड़ गांधी पार्क पहुंची, वहा महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस दौरान निदेशक डॉ.विजय यादव छात्र छात्राओं को महान पुरुषो के जीवन के बारे में जानकारी दी और कहा की सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले बापू के महान विचारों पर आज भी लोग चलते हैं।
उन्होने लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि जय जवान जय किसान के प्रणेता, सादगी और सदाचार के प्रतीक, भारत रत्न से अलंकृत पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन और संघर्ष की जानकारी देते हुए कहा कि ननिहाल में रहते हुए प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद की शिक्षा हरिश्चंद्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ में हुई। काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिलते ही शास्त्री जी ने अपने नाम के साथ जन्म से चला आ रहा शब्द श्रीवास्तव हमेशा के लिए हटा दिया और अपने नाम के आगे शास्त्री लगा लिया।
इसके बाद शास्त्री शब्द लालबहादुर के नाम का पर्याय ही बन गया। बाद के दिनों में 'मरो नहीं, मारो' का नारा लालबहादुर शास्त्री ने दिया।जिसने एक क्रांति को पूरे देश में प्रचंड किया। उनका दिया हुआ एक और नारा 'जय जवान-जय किसान' तो आज भी लोगों की जुबान पर है।इस दौरान गांधी पार्क बानसूर मे
नवीन कुमार शर्मा वरिष्ठ जिला सदस्य शांति अहिंसा प्रकोष्ठ राजस्थान सरकार, कृष्णा देवी इंदौरिया महिला संयोजक शांति अहिंसा प्रकोष्ठ नगर पालिका राजस्थान सरकार, दुलीचंद सोलंकी युवा नेता, राजेश सैनी, तुलसी कुमावत, गोविंद शर्मा, रजनीश पुरोहित, मौजूद रहे