विधानसभा चुनावों की सियासी सरगर्मियां तेज: दावेदार अनेक पद एक
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ कमलेश जैन) राजस्थान विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है और सभी दल अपने-अपने हिसाब से तैयारियों में जुट गए हैं। यूं तो अभी कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है। इधर भाजपा द्वारा प्रथम सूची जारी कर दी गई है । राजस्थान सत्ता पर कांग्रेस पार्टी काबिज रही है। राजस्थान में अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत रहे है। जोकि ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते है। पूर्व मे राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलेट में आपसी संघर्ष सर्वविदित है। पायलट ने एक बार गहलोत के शासन का तख्ता पलटने का प्रयास किया था। मगर सफल नहीं हुए। गहलोत ने सचिन को नक्कारा और निक्कमा घोषित करते देर नहीं की। फिलहाल चुनावी शांति बनी हुई है। टिकटों के वितरण के बाद ही पता चलेगा यह सियासी शांति बनी रहती है या नहीं। कांग्रेस ने यहाँ सीएम का फेस किसी को घोषित नहीं किया है। गहलोत और सचिन दोनों ही सीएम पद के दावेदार है। दूसरी तरफ भाजपा में भी गुटबाजी कम नहीं है। इसी कारण यहाँ सीएम का फेस चेहरा घोषित नहीं किया गया ।और मोदी के फेस पर चुनाव लडा जा रहा है। भाजपा में वसुंधरा राजे सहित आधा दर्ज़न नेता सीएम पद के दावेदार है। इनमें केंद्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सांसद दिया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा शामिल है। राजे से पार्टी का आलाकमान नाराज चल रहा है। राजस्थान विधानसभा में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछली बार पार्टी ने वसुंधरा राजे की लीडरशिप में चुनाव लड़ा था। यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है कि मुख्यमंत्री का पद तो एक है। लेकिन भाजपा एवं कांग्रेस में दावेदार अनेक हैं।