नामांकन फॉर्म में अशोक गहलोत ने छिपाए आपराधिक मामले, चुनाव आयोग में शिकायत: नामांकन पर लटकी तलवार
जयपुर,, -
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन में आपराधिक मामलों को छिपाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। भाजपा का आरोप है कि गहलोत ने अपने नामांकन में दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई है। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी मांगी है। इधर, गहलोत के नामांकन में आपराधिक तथ्य छिपाने की बात से सियासत गरमा गई है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या गहलोत का नामांकन रद्द हो सकता है? हालांकि, गहलोत ने चार नामांकन पत्र दाखिल किए हैं, ताकि किसी भी तरह की गलती होने पर दूसरा नामांकन पत्र सही माना जा सके। दरअसल, राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को नामांकन के आखिरी दिन पर्चा दाखिल किया था। जिसमें सीएम गहलोत ने दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी। इस मामले में बीजेपी सहित समर्थकों ने आरोप लगाया कि गहलोत ने नामांकन के साथ झूठा शपथ पत्र दिया है। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने के बाद रिटर्निंग अधिकारी से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद इस मामले की जांच की जाएगी। वहीं, जयपुर के पवन पारीक ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त जयपुर, मुख्य निर्वाचन आयोग आईटी जयपुर, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन आयोग जयपुर व जिला निर्वाचन आयोग जोधपुर को शिकायत भेजी है। इसमें आरोप लगाया कि सीएम गहलोत ने झूठा व कूटरचित शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसे खारिज करने की मांग की है। साथ ही सीएम गहलोत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की है। शिकायतकर्ता पवन पारीक का कहना है कि सीएम अशोक गहलोत ने अपने हलफनामे में आधी अधूरी जानकारी दी है। चुनाव आयोग को दिए गए शिकायत पत्र में पवन पारीक ने बताया कि पहला आपराधिक मामला 8 सितंबर 2015 का है, जो जयपुर के गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था। पत्र में 2015 की एफआईआर बताई गई है। इसमें धारा 166, 409, 420, 467, 471 और 120 बी के तहत केस दर्ज हुआ था। इसके बारे में गहलोत ने अपने नामांकन में जानकारी नहीं दी है। यह मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है और इसकी अगली सुनवाई 24 नवंबर 2023 को होनी है। वहीं, दूसरा मामला 31 मार्च 2022 का बताया गया है। जिसमें कोर्ट की ओर से अशोक गहलोत समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश था। शिकायत में मामला भी अभी राजस्थान हाईकोर्ट में बताया है। वहीं, बीजेपी की ओर से एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ ने बताया कि सीएम गहलोत के खिलाफ कोर्ट में पांच मामले चल रहे हैं। लेकिन गहलोत ने सभी मामलों का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने तथ्य छुपाते हुए दो मामलों को नहीं बताया है। उन्होंने अपने शपथ पत्र में पांच की जगह तीन मामलों का उल्लेख किया हैं। इनमें एक दिल्ली और दो जयपुर के बताए गए हैं।