मतदान के अन्तिम 72 एवं 48 घन्टो के लिए दिशा -निर्देश जारी
उड़न दस्तों एवं निगरानी दलों को अलर्ट रहकर कार्य करना होगा- जिला निर्वाचन अधिकारी
भरतपुर, - विधानसभा आम चुनाव-2023 के दौरान मतदान के अंतिम 72 घंटों के लिये उड़नदस्तों, एफएसटी व एसएसटी सहित सभी निगरानी दलों को अलर्ट रहकर कार्य करना होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी लोक बंधु ने बताया कि राजस्थान विधानसभा आम चुनाव 2023 के लिये निर्वाचन व्यय व अनुवीक्षण के दृष्टिगत आयोग द्वारा जारी निर्वाचन व्यय के लिये मतदान के अंतिम 72 घंटों के लिये सर्तकता के साथ कार्य करना होगा। निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण से जुड़ी टीमों, उड़नदस्ते, स्थैतिक निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल, वीवीटी, ईएमसी, उत्पाद शुल्क टीम, एमसीएमसी, डीईएमसी, लेखांकन टीम, 24 घंटे जिला ईईएम नियंत्रण कक्ष आदि को मतदान के अंतिम 72 घंटों के दौरान सुदृढ़ीकरण किया जाकर अधिक सक्रिय व सचेत रहना होगा। जहां कही भी अपेक्षित हो, उसके लिये केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की व्यवस्था की जा सकती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने समस्त आरओ को निर्देशित किया है कि मतदान तिथि के 72 घंटों में उड़न दस्तों को अधिक सक्रिय किया जाये, जिससे किसी भी प्रकार की नगद राशि, हथियार, उपहार, लिकर आदि का वितरण नहीं किया जा सके। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को भी उड़नदस्ते एवं स्थैतिक निगरानी दलों के साथ लगाया जाये। विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में या व्यय संवेदनशील एरिया में मतदान से पहले अंतिम 72 घंटों में सुदृढ़ किया जाये तथा ऐसी अवधि के दौरान एफएसटी को किसी भी परिस्थिति में विघटित नहीं किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अंतिम 72 घंटे के दौरान पुलिस तैनाती की योजना बनाये, क्योंकि मतदान ड्यूटी के लिये पुलिस की आवश्यकता हो सकती है। अंतिम 72 घंटे के दौरान किसी भी स्थिति में एफएस और एसएसटी को भंग न किया जाये। सभी का उद्देश्य यही रहना चाहिए कि अंतिम 72 घंटे में कोई भी दल या उम्मीदवार मतदाताओं को किसी भी प्रकार से प्रभावित न कर सके।
राजनैतिक दलों व अभ्यर्थी के लिए-
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान समाप्त होने के 48 घंटे पूर्व आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि राजनैतिक दल या उम्मीदवार ऐसी कोई धार्मिक नफरत पैदा करने वाले, जातियों और समुदायों के बीच तनाव पैदा करने वाले भाषण, प्रचार-प्रसार सामग्री का उपयोग नहीं कर सकते है। वोट प्राप्त करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जा सकेगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में नहीं किया जायेगा। किसी को भी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिये या ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिये जो किसी व्यक्ति के निजी जीवन पर हमला हो या ऐसे बयान न दें जो दुर्भावनापूर्ण हों या शालीनता और नैतिकता को ठेस पहुंचाने वाले हों।
विज्ञापनों के संबन्ध में-
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस दौरान राजनीतिक प्रचार में बल्क एसएमएस, वॉइस मैसेज एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यमों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। समाचार पत्रों में भी दिया जाने वाला विज्ञापन जिला स्तरीय एमसीएमसी से अधिप्रमाणन किया जाना आवश्यक होगा।
डोर-टूडोर हो सकेगा प्रचार-
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत मतदान समाप्ति के निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि में प्रचार-प्रसार अभियान समाप्त हो जायेगा। इस अवधि में अनिवार्य रूप से सार्वजनिक बैठकों आदि के माध्यम से सभी चुनाव प्रचार को रोक दिया जायेगा। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के बाहर के मतदाता अन्य निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद नहीं रह सकेंगे।